आज विश्व हिन्दू परिषद के द्वारा बजरंगदल के कार्यकर्ता पूरे भारत से आये अखिल भारतीय वर्ग में 32 वर्षों से श्रीराम मंदिर के लिए जो ईंट को विश्व भर से श्रीराम शिल्यान्यास के लिए आई, उन ईंट को आज 32 वर्षों के बाद श्रीराम कार्यशाला से विश्व हिंदू परिषद के बजरंगदल के राष्ट्रीय सयोंजक श्रीमान सोहन सौलंकी, ओर , एवं क्षेत्र संगठन मंत्री लखनऊ क्षेत्र) आदरणीय गजेंद्र जी,अनेक प्रांत के कार्यकर्ता एवं उत्तरकाशी से अखिल भारतीय वर्ग में अपील रवांल्टा भी थे, इस मे 187 बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने इन इटो को एक स्थान से श्रीराम मंदिर गर्भाशय स्थान पर ले गए, टैक्टर के द्वारा
आप को जानकर खुशी होगी,की श्री राम जन्मभूमि में 1990 में विश्व हिंदू परिषद के द्वारा एक कार्यक्रम कराया गया, जिस में हर गांव मुहल्ले से पत्थर श्रीराम जन्मभूमि के लिए, गांव के लोगों ने पूजा कर,साथ ही 2 रुपया, की सहयोग राशि कुछ दान था,
गूंजा था नारा-सवा रुपैया दे दे रे भैया राम शिला के नाम का, राम के घर में लग जाएगा पत्थर तेरे नाम का
– दो लाख गांवों में शिलान्यास यात्रा निकली थी
– बड़ी संख्या में मिली थी चांदी भी आई थी,
इसके पहले दिन 200 से अधिक विश्च भर से आये, बजरंगदल, के कार्यकर्ताओं ने शौर्य संचलन किया।
जहाँ से बीज जहाँ से बजरंगदल की स्थापना हुई,
कारसेवक से, बजरंगबली ओर ठेट 2 वर्ष के बाद 1992 में बाबर के ढ़ाचे मस्जिद विध्वंस कर दिया, उस शक्ति से बजरंगदल के नाम से संगठन बना ,ओर इस कारसेवपुरम नाम तय हुई,
आज उसी कारसेवक्ज
दो लाख गांवों में निकली थी शिलान्यास यात्रा
विश्व हिंदू परिषद ने उस वक्त देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में शिलान्यास यात्राएं निकालकर गांव-गांव और शहर से मंदिर निर्माण के लिए शिलाएं और ईंट जुटाईं। श्रीराम लिखी ये ईंटें भगवा कपड़ों में लिपटकर अयोध्या पहुंचीं। विहिप इन ईंटों के बदले अयोध्या की मिट्टी को प्रसाद या भगवान की भेंट के तौर पर बांटा था। तब तकरीबन 10 करोड़ लोग राम मंदिर निर्माण के अभियान से जुड़े थे।