कुमाऊं में आपदा से 24 मौतें, खराब मौसम के चलते लैंड नहीं कर पाए मुख्यमंत्री धामी
अब फिर से साढ़े तीन बजे प्रभावित क्षेत्रों के लिए उड़ान भरेंगे सीएम
नैनीताल के रामगढ़ ब्लाक के झुतिया गांव में मकान ढहने से नौ मजदूरों की मौत
नैनीताल जिले धारी तहसील के चैखुटा गांव में भूस्खलन में ध्वस्त मकान ध्वस्त, एक ही परिवार के छह लोगों की मौत
भीमताल में मकान ढहने से एक बच्चा मलबे में दबा
अल्मोड़ा की भिकियासैंण तहसील के रापड़ गांव में मकान ध्वस्त, तीन लोगों की दबकर मौत
अल्मोड़ा नगर में भी मकान की दीवार गिरी, किशोरी की मौत
अल्मोड़ा में ही हीरा डूंगरी गांव मकान की दीवार गिरने से किशोरी की मौत
बागेश्वर के कपकोट में पहाड़ से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आने से युवक की मौत
अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर खीनापानी क्षेत्र में मलबे में दबने से दो श्रमिकों की मौत
नैनीताल/अल्मोड़ा/बागेश्वर/हल्द्वानी। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बारिश काल बनकर बरस रही है। अभी तक अकेले कुमाऊं मंडल में 24 लोगों के मौत की खबर है। नैनीताल झील का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर बह रहा है, जिससे नैनीताल का संपर्क देश-दुनिया से कट गया है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर करीब सौ मीटर का संटिंग नेक गौला नदी में बह गया। स्टेशन पर जलभराव के कारण ट्रेनों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। हल्द्वानी में गौला पुल का एक हिस्सा बह गया। वहीं, रुद्रपुर में कई बसें पूरी तरह से डूब गईं। भारी बारिश से राज्यभर में दर्जनों मार्ग बंद हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुबह सचिवालय स्थित राज्य आपदा कंट्रोल रूम जाकर प्रदेश में बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री, आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत और डीजीपी अशोक कुमार के साथ अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों के हवाई निरीक्षण के लिए निकले, लेकिन मौसम खराब होने के कारण प्रभावित क्षेत्रों में नहीं पहंुच पाए। अब वह साढ़े तीन बजे फिर से प्रभावित क्षेत्रों को हवाई दौरा करेंगे। आपदा प्रबंधन मंत्री रावत ने बताया कि यदि मौसम साफ नहीं रहा तो मुख्यमंत्री और वह शाम को रेल मार्ग से हल्द्वानी जाएंगे।
नैनीताल जिले के भवाली-गढ़मुक्तेश्वर मार्ग पर भवाली से करीब दस किमी आगे रामगढ़ ब्लाक के झुतिया गांव में मकान ढहने से नौ मजदूरों की मौत हो गई। रास्ते बंद होने के कारण प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम को मौके पर पहंुचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नैनीताल जिले धारी तहसील के चैखुटा गांव में भूस्खलन में ध्वस्त मकान में एक ही परिवार के छह लोग मारे गए। भीमताल में मकान ढहने से एक बच्चा मलबे में दब गया है।
अल्मोड़ा की भिकियासैंण तहसील के रापड़ गांव में पहाड़ी से आए मलबे से एक मकान ध्वस्त हो गया। मकान में रह रहे तीन लोगों की दबकर मौत हो गई। एसडीआरएफ की टीम मौके पर रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई है। अल्मोड़ा में भी मकान की दीवार गिरने से उसके नीचे दबकर एक किशोरी की मौत हो गई। अल्मोड़ा के हीरा डूंगरी में भी एक मकान की दीवार गिरने से किशोरी सिंह मलबे में दब गई।
बागेश्वर के कपकोट के भनार गांव के पहाड़ से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई है। अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर खीनापानी में मलबे में दबने से दो श्रमिकों मारे गए हैं।
रामनगर के एक रिसॉर्ट में कोसी नदी का पानी घुस गया है। रिसॉर्ट के अंदर करीब सौ लोग फंसे हैं। कोसी नदी से लगातार हो रहे भूकटाव के कारण तीन मकान बह गए हैं। दहशतजदा ग्रामीण जान बचाने के लिए जंगल की तरफ चले गए हैं।
पिथौरागढ़ में नीचले हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। जबकि, उच्च हिमालयी क्षेत्रों के गाव बर्फ से ढक चुके हैं। टनकपुर तवाघाट हाइवे घाट बंद है। मुनस्यारी के मालूपाती ओर पिथौरागढ़ के क्वीताड़ गाव में दो मकान क्षतिग्रस्त हो चुके है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राजमार्ग पर चल्थी में लधिया नदी पर निर्माणाधीन पुल बह गया।
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय स्थित राज्य आपदा कंट्रोल रूम जाकर प्रदेश में बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री कल से सभी जिलाधिकारियों से हर पल की अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री, आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत और डीजीपी अशोक कुमार के साथ अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों के हवाई निरीक्षण के लिए निकले, लेकिन मौसम खराब होने के कारण प्रभावित क्षेत्रों में नहीं पहंुच पाए। अब वह साढ़े तीन बजे फिर से प्रभावित क्षेत्रों को हवाई दौरा करेंगे। आपदा प्रबंधन मंत्री रावत ने बताया कि यदि मौसम साफ नहीं रहा तो मुख्यमंत्री और वह शाम को रेल मार्ग से हल्द्वानी जाएंगे।