चुनावी शपथपत्र के आंकड़े गवाही देते हैं कि उत्तराखंड की राजनीति में धनवान नेताओं की संख्या बढ़ रही है निर्वाचन के बाद अगले पांच सालों में इनकी समृद्धि कई गुना बढ़ जाती है। यह स्थिति जनता की माली हालत से मेल नहीं खाती है। यह स्थिति छोटे राज्य के लिए ठीक नहीं है।
मनोज ध्यानी, समन्वयक एडीआर उत्तराखंड
देहरादून| गरीब उत्तराखंड की विधानसभा में मालदार जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बार सदन में 70 में से 58 विधायक करोड़पति हैं, पिछली बार यह संख्या 51 ही थी। उत्तराखंड के जनप्रतिनिधियों की औसत सम्पत्ति पांच साल में 4.11 करोड़ से बढ़कर 7.17 करोड़ हो गई है।
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार नए सदन में करोड़पति विधायकों की संख्या 73 फीसदी से बढ़कर 83 फीसदी हो गई है। भाजपा के 40, कांग्रेस के 15 के साथ ही बसपा के दोनों और एक निर्दलीय विधायक भी करोड़पति क्लब में शामिल है।
एडीआर समन्वयक मनोज ध्यानी के मुताबिक भाजपा विधायकों की औसत आय 6.52 करोड़ है, कांग्रेस विधायकों की औसत आय 35 करोड़ और बसपा विधायकों औसत आय 9.65 करोड़ रुपए है। इस बार विधायकों की औसत आय 2017 में 4.96 करोड़ से बढ़कर 7.56 करोड़ हो गई है। इस तरह पांच साल में विधायकों की औसत आय करीब 2.60 करोड़ बढ़ गई है। 23 विधायकों की कुल सम्मपत्ति पांच करोड़ से अधिक है। जबकि दो करोड़ से पांच करोड़ के बीच आय वर्ग में 21 विधायक आ रहे हैं।
सर्वाधिक सम्पत्ति वाले विधायक
1)सतपाल महाराज 87
2)उमेश कुमार 54 त्रिलोक सिंह चीमा 44
3) खुशहाल सिह अधिकारी : 30
4)रेखा आर्य 25
5) सरवत करीम अंसारी 14
6)अनुपमा रावत 13
7)प्रदीप बत्रा 12
8)यशपाल आर्य 10.
9)शिव अरोड़ा 10
कम सम्पत्ति वाले विधायक
1)दुर्गेश्वर लाल 6.5 लाख
2)सुरेश सिंह चौहान 11.5 रवि बहादुर 12.73
3)राजकुमार पोरी 25.24
4)शक्तिालाल शाह 31.93
5)संजय डोभाल 47.67
6)भुवन कापड़ी 49.27
7)सरिता आर्य 55
8)भूपाल राम टम्टा 68.99 रेणु विष्ट 72.40