उत्तराखंड में बड़ा फैसला: हाईकोर्ट ने हरक सिंह रावत की संपत्ति कुर्की पर ईडी के आदेश पर लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब

हरक सिंह रावत को बड़ी राहत: नैनीताल हाईकोर्ट ने ईडी की कुर्की कार्रवाई पर लगाई रोक, सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब
उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई से अंतरिम राहत मिल गई है। नैनीताल हाईकोर्ट ने ईडी द्वारा हरक सिंह रावत से जुड़ी संपत्तियों की कुर्की के आदेश पर रोक लगा दी है, जिससे पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
क्या है मामला?
प्रवर्तन निदेशालय ने 20 जनवरी 2024 को एक अहम आदेश जारी करते हुए श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट की 101 बीघा ज़मीन को अनंतिम रूप से कुर्क कर दिया था। इस जमीन की अनुमानित कीमत करीब 70 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यही जमीन, दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का प्रमुख ठिकाना है, जिसका संचालन ट्रस्ट के माध्यम से किया जाता है।
ईडी ने आरोप लगाया था कि यह ट्रस्ट हरक सिंह रावत के परिवार और उनके करीबी सहयोगियों के नियंत्रण में है। एजेंसी का दावा है कि हरक सिंह की पत्नी, दीप्ति रावत, ने एक सुनियोजित साजिश के तहत बेहद कम कीमत पर यह भूमि खरीदी थी, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका जताई जा रही थी।
ट्रस्ट की ओर से हाईकोर्ट में दी गई चुनौती
इस आदेश को लेकर ट्रस्ट की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें ईडी की कार्रवाई को कानून विरुद्ध और पीएमएलए के प्रावधानों के विपरीत बताया गया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि बिना पर्याप्त जांच और प्रक्रिया का पालन किए संपत्ति कुर्क करना न्यायसंगत नहीं है।
हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) की धारा 5(1)(बी) का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि जब तक कानूनी प्रक्रिया पूरी न हो, तब तक ऐसी कठोर कार्रवाई उचित नहीं मानी जा सकती।
क्या कहा कोर्ट ने?
कोर्ट ने ईडी के कुर्की आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए, एजेंसी सहित अन्य सभी पक्षों को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अब 14 मई 2025 को होगी।
राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल रही है। हरक सिंह रावत लंबे समय से विवादों में रहे हैं, लेकिन इस बार मामला सीधे ईडी की कार्रवाई से जुड़ा हुआ है, जिससे यह कानूनी और राजनीतिक दोनों ही रूप से बेहद संवेदनशील हो गया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की सुनवाई में ईडी क्या सबूत पेश करती है और ट्रस्ट की ओर से क्या तर्क दिए जाते हैं।