शेयर बाजार में हड़कंप: अमेरिकी टैरिफ के झटके से सेंसेक्स 3900 और निफ्टी 1100 अंक लुढ़के; गिरावट का सिलसिला जारी

बाजार में भूचाल: ट्रंप के टैरिफ बम से सहमा निवेशक जगत, सेंसेक्स 3000 और निफ्टी 1000 अंक टूटा, गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत कई देशों पर भारी जवाबी टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद वैश्विक बाजारों में कोहराम मच गया है। इसका सीधा असर सोमवार को घरेलू शेयर बाजार पर देखने को मिला, जहां कारोबार की शुरुआत ही जबरदस्त गिरावट के साथ हुई। सेंसेक्स 3000 अंक और निफ्टी 1000 अंक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।
सेंसेक्स के सभी शेयर लाल, मेटल और आईटी सेक्टर धड़ाम
सेंसेक्स के 30 में से सभी शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक जैसे दिग्गज शेयरों में भारी बिकवाली है। निफ्टी मेटल इंडेक्स सबसे बड़ी गिरावट के साथ टूटा है, जबकि आईटी, ऑयल एंड गैस, हेल्थकेयर, ऑटो और रियल्टी इंडेक्स में 5% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।
4 अप्रैल को भी बाजार ने झेला था झटका
इससे पहले शुक्रवार को भी बाजार भारी दबाव में रहा था। सेंसेक्स 930 अंक टूटकर 75,364 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी भी करीब 346 अंक की गिरावट के साथ 22,904 पर बंद हुआ था।
एशियाई बाजार भी गिरे घुटनों पर
ट्रंप की टैरिफ नीति का असर एशियाई बाजारों पर भी साफ दिखा। जापान का निक्केई 6%, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 4.5% और चीन का शंघाई कंपोजिट 6.5% तक लुढ़क गया। हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग तो 10% तक गिर गया।
अमेरिकी बाजारों में रिकॉर्ड गिरावट, कोविड के बाद सबसे बड़ा झटका
अमेरिका भी इस आर्थिक झटके से अछूता नहीं रहा। शुक्रवार को डॉव जोंस 2,231 अंक यानी 5.5% गिरा, जबकि एसएंडपी 500 और नैस्डैक में भी करीब 6% की गिरावट देखी गई। कोविड के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
क्या है ट्रंप का टैरिफ प्लान?
2 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 26% का जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसके साथ ही चीन, वियतनाम, ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोपीय यूनियन जैसे देशों पर भी 20% से 46% तक के आयात शुल्क की घोषणा की गई। ट्रंप का कहना है कि ये देश अमेरिका को अनुचित टैरिफ लगाकर नुकसान पहुंचा रहे हैं, और अब उन्हें उसका जवाब मिलेगा।
निष्कर्ष:
वैश्विक स्तर पर टैरिफ युद्ध की आहट ने निवेशकों को डरा दिया है। भारत समेत दुनियाभर के बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है। अगर हालात जल्दी नहीं संभले, तो आने वाले दिनों में और बड़ी गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता।
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