You dont have javascript enabled! Please enable it! राजभवन बना खामोश दर्शक, माफियाराज का मिला अप्रत्यक्ष संरक्षण – जन संघर्ष मोर्चा - Newsdipo
May 11, 2025

राजभवन बना खामोश दर्शक, माफियाराज का मिला अप्रत्यक्ष संरक्षण – जन संघर्ष मोर्चा

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सरकार की नाक के नीचे अवैध खनन की खुली लूट, उच्च न्यायालय की फटकार के बावजूद राजभवन चुप क्यों?

देहरादून/विकासनगर।
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रेसवार्ता के दौरान तीखे तेवर दिखाते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश में अवैध खनन का खेल अब खुलेआम और बेखौफ खेला जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट व उच्च न्यायालय की बार-बार की फटकार के बावजूद न सरकार चेत रही है और न ही राजभवन कोई पहल कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजभवन की चुप्पी इस पूरे ‘खनन कांड’ पर मौन सहमति दर्शाती है।

“कहीं राजभवन भी तो नहीं बन गया सरकार का मौन साझेदार?”
नेगी ने तीखे शब्दों में कहा, “राजभवन सिर्फ एक दिखावटी संस्थान बनकर रह गया है, जिसकी भूमिका अब केवल औपचारिकताओं तक सीमित हो गई है। न तो न्यायालय के आदेशों का पालन कराने को लेकर कोई संज्ञान लिया गया और न ही जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई सख्ती दिखाई गई।”

उन्होंने सवाल उठाया कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के हालिया बयान में भी अवैध खनन को लेकर गंभीर संकेत मिलते हैं, तो राजभवन आखिर क्यों नहीं हरकत में आता?

माफियाओं के कब्जे में नदियाँ, सड़कों पर खनिज का तांडव
नेगी ने कहा कि रातभर प्रदेश की नदियों में मशीनों से अवैध खनन होता है और सड़कों पर खनिज से लदे ट्रकों का शोर आम जनमानस की शांति छीन रहा है। प्रशासन आंखें मूँद कर बैठा है और विपक्ष भी सिर्फ ‘इको-फ्रेंडली’ बयानबाजी तक सीमित है।

8-10 हजार करोड़ राजस्व की जगह केवल 1025 करोड़ की बात क्यों?
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यदि ईमानदारी से काम करे तो खनन से प्रतिवर्ष 8-10 हजार करोड़ का राजस्व जुटाया जा सकता है, लेकिन सच्चाई यह है कि सरकार खुद ही इन माफियाओं के सामने घुटने टेक चुकी है।

जन आंदोलन की चेतावनी
मोर्चा महासचिव आकाश पंवार और दिलबाग सिंह ने भी इस मौके पर कहा कि यदि जल्द ही राजभवन और सरकार ने अवैध खनन पर ठोस कार्रवाई नहीं की तो मोर्चा राज्यव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

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