हल्द्वानी: समोसे पर चूहे की दावत, रसगुल्लों में कॉकरोचों की मेहमाननवाज़ी — दुकान के अंदर का मंजर देख आयुक्त रह गए दंग!

हल्द्वानी में मिठाई की दुकानों पर गंदगी का भंडाफोड़: समोसे खा रहे थे चूहे, रसगुल्लों पर कॉकरोच का कब्ज़ा, आयुक्त बोलीं– ये मिठाई नहीं, ज़हर है!
हल्द्वानी के लक्ष्मी टाकीज के पास तीन मिठाई की दुकानों में जब नगर आयुक्त ऋचा सिंह और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने अचानक छापा मारा, तो वहां का दृश्य देख सभी के होश उड़ गए। समोसे की ट्रे में चूहे कुतर-कुतर कर दावत उड़ा रहे थे, तो रसगुल्लों पर कॉकरोचों की फौज मंडरा रही थी। मिठाई की दुकानों में ऐसी गंदगी थी कि कदम रखना भी मुश्किल हो गया।
शिकायत के आधार पर जब नगर आयुक्त मौके पर पहुंचीं, तो पाया कि दुकान के पिछले हिस्से में कूड़े का अंबार लगा था और फुटपाथ पर खुलेआम जलेबी, समोसे और मिठाईयां सजाई गई थीं। दुकानदारों की इस लापरवाही पर उन्हें जमकर फटकार लगाते हुए पाँच-पाँच हजार रुपये का चालान भी काटा गया।
भीतर का हाल और भी बदतर:
जब टीम दुकानों के अंदर पहुंची तो हालात और भी भयावह थे। एक दुकान में कढ़ाई में रखे रसगुल्लों पर कॉकरोच घूम रहे थे, वहीं दूसरी में चूहों द्वारा खाए हुए समोसे ट्रे में सजे थे, मानो ग्राहकों के लिए ही रखे गए हों। नगर आयुक्त ने मौके पर खाद्य सुरक्षा विभाग को बुलाया।
खुद अपनी मिठाई खाने से कतराए दुकानदार:
जब आयुक्त ने दुकानदारों को चुनौती दी कि वे अपने सामने अपनी ही बनाई मिठाई खाकर दिखाएं, तो कोई भी इसके लिए तैयार नहीं हुआ। इससे साफ जाहिर हो गया कि ये मिठाइयां बेचने लायक नहीं थीं।
लाइसेंस रद्द, बिक्री पर रोक:
वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभय सिंह की टीम ने भी पुष्टि की कि दुकानों में इस्तेमाल हो रहा तेल और रिफाइंड घटिया क्वालिटी का था। नतीजतन, तीनों दुकानों – ज्ञान चंद्र जायसवाल, हरीश चंद्र जायसवाल और भानु प्रताप जायसवाल – के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए और खाद्य सामग्री की बिक्री पर रोक लगा दी गई।
बिना NOC नहीं खुलेगी दुकान:
अब ये तीनों दुकानदार जब तक नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं ले लेते, तब तक अपनी दुकानें नहीं खोल सकेंगे। मिठाई के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।
फुटपाथ से हटाया अतिक्रमण, खुलवाई नालियां:
टीम ने मौके पर अतिक्रमण हटाकर नालियों की सफाई भी करवाई, जिन्हें मिठाई विक्रेताओं ने ढक रखा था।
पहले भी सामने आई थी शर्मनाक तस्वीर:
कुछ समय पहले एमबी इंटर कॉलेज के पास एक दुकान में कर्मचारी को बड़े डेग में पैरों से आलू धोते देखा गया था। उसका वीडियो वायरल हुआ था, और उस दुकान को भी 15 दिन के लिए बंद किया गया था।
निष्कर्ष:
हल्द्वानी जैसे शहर में मिठाई की दुकानों की यह हालत वाकई चिंताजनक है। सवाल उठता है कि जब दुकानदार खुद अपनी बनाई मिठाई खाने को तैयार नहीं, तो वह ग्राहकों को किस भरोसे परोस रहे हैं?
चाहें त्योहार हों या आम दिन, मिठाइयों में अब सिर्फ मिठास नहीं, खतरा भी घुला हो सकता है – अगर सतर्क न रहें।