“बिजली उपभोक्ताओं की चीख: सरकारी लापरवाही और लाइन लॉस के खेल में फंसी जनता!”

विकासनगर – जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं उत्तराखंड विद्युत विकास निगम (जीएमवीएन) के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आज पत्रकारों के सामने सरकार और विद्युत विभाग की भ्रष्टाचार की पोल खोल दी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा मंत्री खुद मुख्यमंत्री हैं, फिर भी बिजली चोरी और लाइन लॉस पर अंकुश लगाने में सरकार पूरी तरह विफल रही है।
“लाइन लॉस कम करने में नाकाम सरकार, जनता को लूटने का सिलसिला जारी!”
नेगी ने बताया कि सरकार और विभाग लाइन लॉस (बिजली की चोरी) कम नहीं करना चाहते, क्योंकि जितना ज्यादा लॉस होगा, उतनी ही महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ेगी – और इसी खेल में अधिकारियों और नेताओं की जेबें भरती रहेंगी! यही कारण है कि हर साल बिजली दरें बढ़ाई जा रही हैं और आम जनता को झेलनी पड़ रही है मंहगाई की मार।
“डेढ़-दो हजार करोड़ का घोटाला! कहाँ जा रहा है जनता का पैसा?”
- 2023-24 में डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 13.89% और एटीएंडसी लॉस 14.64% था, लेकिन नवंबर 2024 तक यह बढ़कर 16.11% और 26.21% हो गया!
- प्रदेश के कई इलाकों में तो लाइन लॉस 42% और एटीएंडसी लॉस 50% तक पहुँच चुका है!
- इसकी वजह से सालाना 1500-2000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है, जिसका बोझ सीधे उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है!
“ऊर्जा प्रदेश में बिजली महंगी? सरकारी तंत्र हुआ बेपरवाह!”
नेगी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा – “अधिकारी कहते हैं कि उत्तराखंड में बिजली दूसरे राज्यों से सस्ती है, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि यह ऊर्जा उत्पादन वाला प्रदेश है! जहाँ इतनी बिजली बनती है, वहाँ जनता को महंगी बिजली क्यों मिल रही है?”

“3 साल पूरे होने पर सरकार जश्न मना रही, जनता मातम!”
नेगी ने कहा – “सरकार अपने तीन साल पूरे होने का जश्न मना रही है, लेकिन जनता बढ़ते बिजली बिलों और भ्रष्टाचार के खिलाफ मातम मना रही है। ‘ऊर्जा बचाओ’ का नारा अब सिर्फ एक झूठा वादा बनकर रह गया है!”

पत्रकार वार्ता में अशोक चंडोक और प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद रहे।
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(यह खबर जनहित में प्रकाशित की गई है। सरकार और विद्युत विभाग से सवाल – कब थमेगा जनता का शोषण?)