यूसीसी से महिला सशक्तिकरण का नया युग! 🚀 उत्तराखंड ने लिखा इतिहास

हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित “समान नागरिक संहिता (यूसीसी)” कार्यक्रम में ऐतिहासिक घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां यूसीसी लागू हुआ है, और इससे महिलाओं के अधिकारों को मजबूती मिली है।
🔹 यूसीसी क्यों है गेम-चेंजर?
- महिलाओं को समान संपत्ति व उत्तराधिकार अधिकार 🏠💪
- लिव-इन रिलेशनशिप को मिली कानूनी मान्यता 👫📜
- सभी धर्मों के लिए एक समान कानून ⚖️🕊️
- कुप्रथाओं का अंत, समानता की नई शुरुआत ✨
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि “यूसीसी किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह समाज में न्याय और समरसता लाने का ऐतिहासिक कदम है।”
🔹 भ्रामक अफवाहों को दी मुख्यमंत्री ने मात
कुछ लोगों द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि “यूसीसी में रजिस्ट्रेशन कराने से बाहरी लोगों को उत्तराखंड की मूल निवासी पहचान मिल जाएगी।” मुख्यमंत्री ने इसे पूरी तरह झूठा बताया और कहा कि “यूसीसी का मूल निवासी प्रमाण-पत्र से कोई लेना-देना नहीं है।”
🔹 देश के लिए मिसाल बना उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा और उत्तराखंड ने यूसीसी लागू करके देश को एक नई दिशा दी है।”
🌟 कार्यक्रम में उपस्थित विशेष अतिथि:
- उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत
- देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या
- दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल
- यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य मन्नू गौड़
📢 जनता से अपील:
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से यूसीसी के तहत सभी पंजीकरण कराने की अपील की, ताकि समानता और न्याय का नया युग सभी तक पहुंचे।
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