पार्कर ने सूरज को छूकर इतिहास रचा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के अंतरिक्ष यान द पार्कर सोलर प्रोब ने • पहली बार सूरज को छूकर इतिहास रच दिया है। इस अंतरिक्ष यान ने न सिर्फ सूर्य के वातावरण (कोरोना) को हुआ है बल्कि सूर्य के धधकते वातावरण में गोता भी लगाया है। पार्कर की इस शानदार उपलब्धि की घोषणा खुद नासा के वैज्ञानिकों ने की है।
नासा के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी जिओफिजिकल यूनियन की बैठक में बताया कि इतिहास में पहली बार किसी अंतरिक्ष यान ने सूर्य के वातावरण (कोरोना) को स्पर्श किया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य का वातावरण 20 लाख डिग्री फॉरेनहाइट रहता है। इसे छना अभी तक असंभव माना जा रहा था, लेकिन द पार्कर सोलर प्रोब ने इसे संभव किया है।
इस अंतरिक्ष यान ने अप्रैल में सूरज के पास से अपनी आठवीं यात्रा के दौरान सूर्य के वातावरण से होकर गुजरा था, लेकिन वैज्ञानिकों को इस प्रोब से मिले आंकड़े को एकत्रित करने में कई माह का समय लगा। आंकड़ों के मुताबिक, अंतरिक्ष यान ने 28 अप्रैल को पांच घंटे नने में तीन बार कोरोना में प्रवेश किया।
वाशिंगटन डीसी में एजेंसी के मुख्यालय में स्थित नासा के हेलियोफिजिक्स डिवीजन के निर्देशक निकोला फॉक्स ने कहा कि यह दिलचस्प और रोचक है। इस प्रोव को साल 2018 में भेजा गया था। पार्कर ने जब पहली बार सूरज के वातावरण और आने वाली हवा को पार किया था, उस समय वह सूरज के केंद्र से करीब एक करोड़ 30 लाख 24×7 किलोमीटर की दूरी पर था। इस शानदार उपलब्धि के बारे में बताने वाला साइंटिफिक पेपर फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित हुआ है।
खास डिजाइन से किया गया तैयार
इसे गर्मी से बचाने के लिए खास डिजाइन से तैयार किया गया था। इसमें टंगस्टन, नाइओबियम, मोलिब्डेनम और नीलम जैसे हाई मेल्टिंग प्वांइट मौजूद है। वैज्ञानिकों ने बताया कि पृथ्वी में ठोस सतह होती है, लेकिन सूरज की कोई ठोस सतह नहीं होती है। हालांकि इसमें अत्यधिक गर्म वातावरण होता है।
सदियों पुराने रहस्य सुलझाने की उम्मीद
नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, द पार्कर सोलर प्रोब की यह शानदार सफलता तकनीकी इनोवेशन से कहीं अधिक है। इस अंतरिक्ष यान की उपलब्धि ने सूर्य के बारे में सदियों पुराने रहस्यों को सुलझाने की उम्मीद जगा दी है। यह अंतरिक्ष यान एक सीमा से होते हुए सूर्य के वायुमंडल में प्रवेश किया है, जिससे डेटा एकत्र किया जा रहा है।