न्यायालय द्वारा एमडी नियुक्ति मामले में नोटिस के बावजूद अतिरिक्त प्रभार दिए जाने मामले में जागो सरकार- मोर्चा
एमडी,यूपीसीएल नियुक्ति प्रकरण उच्च न्यायालय में है लंबित |नियमों को तार-तार कर दी गई है नियुक्ति | #न्यायालय द्वारा एमडी को जारी गया है नोटिस|
नियुक्ति पाए एमडी के खिलाफ प्रचलित है ट्रांसफार्मर घोटाला ! #काबिल अधिकारी हाशिए पर,सेटिंग बाज पा रहे मनमानी नियुक्तियां |

देहरादून- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा प्रबंध निदेशक नियुक्ति प्रक्रिया में मापदंडों को तार-तार कर 29/10/2021 को प्रबंध निदेशक, यूपीसीएल के पद पर श्री अनिल कुमार को नियुक्ति प्रदान की गई | उक्त नियुक्ति के खिलाफ मा.उच्च न्यायालय में प्रभावित पक्ष द्वारा याचिका दायर की गई, जिसमें मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 14/12/ 21 को प्रतिवादी नंबर 3 श्री अनिल कुमार, प्रबंध निदेशक, यूपीसीएल को 4 सप्ताह के भीतर जवाब देने हेतु नोटिस जारी किया गया |

एमडी की नियुक्ति प्रक्रिया हेतु विभाग द्वारा निर्धारित मापदंड पूर्ण किए बगैर सेटिंग गेटिंग के आधार पर बिना गोपनीय प्रविष्टियों की रिपोर्ट, 10 वर्ष की अनुशासनिक कार्रवाई का विवरण एवं सतर्कता प्रमाण पत्र की औपचारिकता पूर्ण किए बिना ही नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया, जबकि हैरानी की बात यह है कि मापदंड पूर्ण करने हेतु सचिव, ऊर्जा द्वारा नियुक्ति के एक माह पश्चात 29/11/2021 को अनुस्मारक भेज कर उक्त प्रपत्र उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया यानी नियुक्ति हो जाने के बाद भी विभाग द्वारा इनसे कोई प्रपत्र नहीं लिए गए | नेगी ने कहा कि प्रदेश का दुर्भाग्य है कि ट्रांसफार्मर घोटाले में जिस अधिकारी के खिलाफ जांच प्रचलित लंबित है, ऐसे भ्रष्ट अधिकारी से बहुत बड़ी डील कर नियुक्ति दे दी गई तथा उक्त डील के तहत ही उक्त भ्रष्ट अधिकारी को कल ही एमडी, पिटकुल का अतिरिक्त कार्यभार देकर सरकार ने अपना डील वाला वादा निभा दिया |
नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर नियुक्तियां इसी तरह से सेटिंग गेटिंग के आधार पर होनी है तो क्यों नहीं टेंडर प्रक्रिया यानी मोटी रकम देने वाले सिस्टम के आधार पर ही नौकरियां बांट देनी चाहिए !


नेगी ने सरकार को आगाह किया कि इस पूरे प्रकरण में अपनी जग हंसाई कराने के बजाए इस मामले में हस्तक्षेप करें |
