33 हजार स्वयं सहायता समूहों और ठेकेदारों को दी बड़ी राहत
उत्तराखंड के स्वयं सहायता समूहों से सरकारी खरीद का दायरा बढ़ाया
देहरादून। प्रदेश सरकार ने कोविड 19 महामारी की मार से बेजार ठेकेदारों और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को बड़ी राहत दी है। प्रदेश में संचालित करीब 33 हजार स्वयं सहायता समूहों से केंद्र सरकार की वोकल फॉर लोकल की नीति के तहत सरकारी खरीद का दायरा बढ़ा दिया गया है। इसी तरह सरकारी कार्यों से जुड़े ठेकेदारों को बैंक गारंटी में भी फौरी राहत दी गई है। अब उन्हें काम की कुल लागत की तीन फीसदी की दर से बैंक गारंटी देनी होगी। सचिव वित्त अमित सिंह नेगी ने इस संबंध में अलग-अलग आदेश जारी किए।
राज्य सरकार के सभी विभाग, उपक्रम, स्वायत्तशासी संस्थाएं प्रदेश में पंजीकृत सभी स्वयं सहायता समूहों या संघों से अब जन जागरूकता संबंधी कार्य, सोशल ऑडिट, मेडिकल किट मास्क, राशन वितरण और क्षमता विकास से जुड़े कार्यों व सेवाओं की सरकारी खरीद (प्रक्योरमेंट) कर सकेंगे। इन सेवाओं की प्रक्योरमेंट के लिए एक बार में पांच लाख तक की सीमा तय की गई है। बता दें कि प्रदेश सरकार और उसके उपक्रम अभी तक स्वयं सहायता समूहों से हथकरघा उत्पाद, हस्तशिल्प कपड़ा, किराना पेंट्री, दफ्तर का सामान और पर्सनल केयर व हाइजीन उत्पाद की अधिप्राप्ति नियमावली के तहत खरीद की सुविधा थी।
कोरोना की मार झेल रहे ठेकेदारों को फौरी राहत प्रदेश सरकार ने सरकारी कार्यों से जुड़े ठेकेदारों को भी फौरी राहत दी है। कोविड-19 महामारी की मार से पीड़ित ठेकेदारों को राहत देने के लिए सरकार ने केंद्र की तर्ज पर अधिप्राप्ति नियमावली में छूट दी है। नई व्यवस्था के तहत ठेकेदारों से संविदा की लागत की तीन फीसद की दर से बैंक गारंटी ली जाएगी। नियमावली के तहत संविदा लागत की पांच से 10 फीसदी दर पर बैंक गारंटी का प्रावधान था। सरकार ने इसमें दो से सात फीसदी की कमी की है। यह व्यवस्था 31 दिसंबर 2021 तक लागू रहेगी। इसके बाद आवंटित ठेकों में पांच से 10 फीसदी की दर से बैंक गारंटी की शर्त लागू प्रभावी हो जाएगी। कम की गई बैंक गारंटी संविदा पूरा होने तक लागू रहेगी सरकार की बैंक गारंटी घटाने की राहत का उन ठेकेदारों को लाभ नहीं मिलेगा, जिनका कोई विवाद है और आर्बिटेशन या न्यायालय में कार्यवाही शुरू हो गई है या विचाराधीन है।