हेल्थ इंडेक्स में प्रदेश की हालत रही पतली
*नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट में एक पायदान गिर कर उत्तराखंड 15वें स्थान पर पहुंचा।
*देश में स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में केरल सबसे आगे है जबकि उत्तर प्रदेश सबसे फिसड्डी।
देहरादून (एसएनबी)। भले ही प्रदेश सरकार कितना दावा करे कि स्वास्थ्य सेवाओं में उसने वहुत सुधार किया है मगर उत्तराखंड नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट में एक पायदान गिर कर 15वें स्थान पर पहुंच गया है। नीति आयोग की सोमवार को जारी हेल्दी स्टेट्स प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट के मुताविक देश में वड़े राज्यों वेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में केरल सवसे आगे है जवकि उत्तर प्रदेश सवसे फिसड्डी।
वड़े राज्यों में तेलंगाना, गुजरात, पंजाव और असम के रैंक में सुधार हुआ है। केरल, तमिलनाडु महाराष्ट्र छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, विहार और उत्तर प्रदेश 2018-19 की ही स्थिति में हैं यानी उनका रैंक पहले जैसा है। उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा के रैंक में 2019-20 में 2018-19 के मुकावले गिरावट आई है। हेल्थ इंडेक्स तीन संकेतकों पर आधारित है। हेल्थ आउटकम शासन व सूचना व की इनपुट व प्रक्रिया । नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताविक उत्तराखंड ने मातृ मृत्यु दर, पूर्ण टीकाकरण, अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता, विशेष स्वास्थ्य सुविधाओं के में की उपलब्धता के मामले में बहुत बुरा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा जन्म के समय लिंगानुपात, टीवी के उपचार की सफलता की दर, वीते तीन साल में जिलों में पूर्ण कालिक मुख्य चिकित्साधिकारी की उपलब्धता, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में एएनएम की उपलब्धता के मामले में भी हालत के विगड़ी है। यही नहीं राज्य के कुल वजट की तुलना में स्वास्थ्य सेक्टर को भी वजट का कम आवंटन हो रहा है यानी सरकार की प्राथमिकता में स्वास्थ्य नहीं है।