हरक सरकार और भाजपा से बर्खास्त
भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा कदम उठाते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बखास्त कर दिया। उन्हें छह साल के लिए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है। रविवार रात पौने ग्यारह बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संस्तुति पर यह कदम उठाया गया।
हरक सिंह पिछले काफी दिनों से विधानसभा चुनाव में मनमाफिक टिकट पाने के लिए दबाव की राजनीति कररहे थे। वे एक नहीं बल्कि तीन-तीन टिकटों के लिए पार्टी हाईकमान पर लगातार दवाव बनाते आ रहे थे। हरक कोटद्वार की बजाए किसी दूसरी सीट से टिकट चाह रहे थे। इसके साथ ही वह लैंसडोन से अपनी बहू अनुकृति गुंसाई और रुद्रप्रयाग के अपने एक करीबी के लिए भी टिकट पाने की जुगत बना रहे थे।
हरक सिंह ने भाजपा हाईकमान से यहां तक कह दिया था कि यदि मनमाफिक टिकट नहीं मिले तो वे अपना अलग रास्ता देखेंगे। भाजपा हाईकमान ने हरक के इन तेवर के बाद आनन-फानन में उन्हें कैबिनेट के साथ ही पार्टी से भी छह साल को बर्खास्त कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी पुष्टि की है।
बर्खास्तगी का आदेश जारी: सीएम दफ्तर की ओर से रविवार देर रात कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि हरक सिंह के सभी विभाग मुख्यमंत्री को सौंप दिए जाएं। देररात बखांस्तगी के आदेश परराज्यपाल ने भी हस्ताक्षर कर दिए हैं।
बहू की खातिर उठाया कदम: अपने साथ बहू अनुकृति गुसाईं के लिए लैंसडौन से टिकट की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत लगातार बागी तेवर अपनाए हुए थे। भाजपा कोर कमेटी की बैठक में पहुंचने की बजाय वे दिल्ली के चक्कर काट रहे थे। वह खुद के लिए केदारनाथ सीट और बहू अनुकृति गुसाई के लिए लैंसडौन सीट चाहते थे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा में बात न बनती देख, वो बहू के लिए सीट की संभावना कांग्रेस में देखने लगे।
कांग्रेस से बगावत कर गए थे भाजपा में हरक सिंह रावत 2016 में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस के नौ विधायकों को भी वह भाजपा में लेकर गए थे। इसके बाद वर्ष 2017 में चुनाव विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें कोटद्वार से उम्मीदवार बनाया और चुनाव जीते के बाद काबीना मंत्री भी बनाया। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ उनकी कभी नहीं बनी।
सारे पत्ते नहीं खोलते : सोशल मीडिया पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उनसे सवाल पूछा जा रहा है कि वह कांग्रेस में शामिल होंगे क्या ? इस पर हरक हल्के अंदाज में जवाब देते हैं कि ताश खेलने वाले अपने पत्ते छुपा कर रखते हैं, सारे पत्ते नहीं दिखाते। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह हरीश भाई ने अपने पत्ते खोलने की बात कही है, वैसे ही अभी मेरे पत्ते भी खुलने बाकी है। इसके बाद सूबे में बड़ी सिवासी हलचल के कयास
लगाए जाने लगे थे।