फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी कर रहे दो शिक्षक बर्खास्त
* एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर डीईओ ने की कार्रवाई
* उपशिक्षा अधिकारी को दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भी किया अधिकृत
फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर उत्तराखंड में शिक्षक की नौकरी करना महंगा पड़ गया। एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर डीईओ ने सेवाएं समाप्त कर दोनों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है।
लोकेश कुमार पुत्र ब्रहम सिंह निवासी ग्राम हफीजपुर थाना नौगांवा सादात जिला अमरोहा उत्तर प्रदेश ने शामली के एक व्यक्ति के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बीएससी व बीएड के अंकपत्र और प्रमाणपत्रों को कूटरचित कर गलत तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए तहसील रुड़की जिला हरिद्वार उत्तराखंड से स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवा लिया। इन्हीं प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षा विभाग में वर्ष 2014 में सह अध्यापक के पद पर जसपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय किशनपुर में अवैधानिक तरीके से नौकरी हासिल कर ली।
इसी तरह कमलवीर पुत्र राजवीर निवासी ग्राम डहकवाडा थाना नौगांवा सादात जिला अमरोहा ने भी सहारनपुर के एक व्यक्ति के अभिलेखों को कूटरचित कर वर्ष 2014 में जसपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मुरलीवाला में तैनाती ले ली। शिकायत पर एसआईटी जांच में इस बात का खुलासा हुआ। एसआईटी जांच रिपोर्ट पर बृहस्पतिवार को डीईओ एके सिंह ने दोनों शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर बर्खास्त कर दिया। साथ ही उपशिक्षा अधिकारी आशाराम चौधरी को दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए अधिकृत भी किया। डीईओ एके सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में एसआईटी की ओर से विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से विज्ञप्ति जारी कर मालूम किया गया कि किसी के पास बेसिक शिक्षा विभाग उत्तराखंड में कार्यरत फर्जी शिक्षकों व अन्य समस्त शिक्षकों की भर्ती से संबंधित फर्जीवाड़े की सूचना उपलब्ध हो तो सूचित करें। उसके बाद प्राप्त हुई शिकायत पर एसआईटी प्रकरण की जांच कर रही थी। जांच नतीजे के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई अमल में लाई गई है।
दोनों आरोपियों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए, इसके चलते दोनों को बर्खास्त कर दिया है।
-अशोक कुमार सिंह डीईओ बेसिक, जिला ऊधमसिंह नगर