बच्चों को स्कूल भेजने के लिए दबाव बनाया तो होगी कार्रवाई

*परीक्षा के लिए बच्चों को स्कूल भेजने के लिए दबाव बना रहे स्कूल
*स्कूलों को लेकर शासन की ओर से जो आदेश जारी किया गया है उसका पालन करना होगा। शासनादेश की अनदेखी करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक
देहरादून। प्रदेश में एक मार्च से स्कूलों में छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं शुरू हो रही है। अभिभावकों की शिकायत है कि कुछ स्कूल कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों को भी परीक्षा के लिए भौतिक रूप से स्कूल भेजने के लिए दबाव बना रहे हैं। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
प्रदेश में स्कूलों को खोले जाने को लेकर पूर्व में शासन की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि बच्चों को स्कूल भेजे जाने को लेकर अभिभावकों की सहमति लेनी होगी। बच्चों को स्कूल भेजे जाने के लिए अभिभावकों एवं बच्चों पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा। स्कूलों का संचालन हाईब्रिड मोड में किया जाएगा। भौतिक शिक्षण के साथ ही ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था तय होगी, लेकिन कुछ अभिभावकों की शिकायत है कि बच्चों को परीक्षा के लिए स्कूल भेजे जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है। स्कूल न भेजने पर बच्चों को परीक्षा से वंचित करने के लिए धमकाया जा रहा है।
नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंटस राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान के मुताबिक शासनादेश के मुताबिक कोई भी स्कूल किसी भी छात्र को भौतिक रूप से स्कूल बुलाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते, लेकिन कुछ स्कूल ऑफलाइन परीक्षा के लिए बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बाध्य कर रहे हैं। ब्यूरो