दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट का बजट लगा दिया किसी दूसरे प्रोजेक्ट में

Delhi Dehradun Expressway News: कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया बड़ा खेल, ब्लैक लिस्ट करने के साथ बैंक गारंटी जब्त करने की तैयारी…
उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है इसका अंदाजा इस खबर से आसानी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी के महत्वाकांक्षी ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे निर्माण के नाम पर पैसा उठाकर कार्यदाई संस्था ने दूसरे प्रोजेक्ट में लगा दिया है। कथित हेराफेरी का मामला सामने के बाद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है। खबर है कि मार्च के अंत तक कंपनी को ब्लैक लिस्ट की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। साथ में बैंक गारंटी भी जब्त हो सकती है। इतना ही नहीं नई कार्यदाई संस्था के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बहरहाल कंपनी की इस हेराफेरी से एक वर्ष बीत जाने के बावजूद एक्सप्रेसवे का 10 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो पाया है।
इस संबंध में एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे के दूसरे चरण में सड़क निर्माण के लिए निजी कंपनी को बीते वर्ष जनवरी में करीब 1350 करोड़ की लागत का वर्क ऑर्डर जारी किया गया था। जिसके बाद कंपनी ने लोनी बॉर्डर से बागपत (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे) तक निर्माण भी शुरू किया, जिसे देखते हुए एनएचएआई द्वारा कंपनी को पहली किस्त के रूप में 65 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया गया परंतु इसके बाद कंपनी द्वारा इस दिशा में निर्माण कार्य को बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ाया गया। तहकीकात करने पर सामने आया कि कंपनी द्वारा इस अग्रिम भुगतान राशि का उपयोग अन्य प्रोजेक्ट के लिए किया गया है। बता दें कि सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार एक प्रोजेक्ट निर्माण का पैसा किसी दूसरे प्रोजेक्ट पर खर्च नहीं किया जा सकता है। अगर कोई कंपनी ऐसा करती है तो उसे ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जाए।