बड़ी खबर:बढ़ रही है चेर्नोबिल से निकलने वाली रेडिएशन
यूक्रेन की परमाणु संस्था ने कहा है कि उसने बंद पड़े चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र से निकलने वाली रेडिएशन के स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की है. यूक्रेन पर हमले के बीच चेर्नोबिल संयंत्र को रूसी सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है।
चेर्नोबिल संयंत्र लंबे समय से बंद पड़ा है लेकिन उसमें थोड़ी से रेडियोएक्टिव गामा किरणें निकलती रहती हैं. यूक्रेनी संस्था स्टेट न्यूक्लियर रेगुलेटरी इंस्पेक्टरेट के विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय सामान्य से ज्यादा रेडिएशन हो रहा है. उन्होंने रेडिएशन के स्तर के बारे में नहीं बताया लेकिन यह कहा कि उसमें बढ़ोतरी उस इलाके में भारी सैन्य उपकरणों की आवाजाही की वजह से हो रही है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इन सैन्य उपकरणों के इधर से उधर जाने से रेडियोएक्टिव धूल उड़ रही है और उसी से स्तर बढ़ रहा है. यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि रूस ने गुरूवार को एक भीषण लड़ाई के बाद संयंत्र और उसके आस पास के इलाके पर कब्जा कर लिया।
हालांकि रूस ने रेडिएशन बढ़ने की खबर से इनकार किया है. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेंकोव ने कहा कि रूस के सैनिक विमानों में संयंत्र की रक्षा कर रहे हैं ताकि किसी भी “उकसाहट” को रोका जा सके. उन्होंने जोर दे कर कहा कि रेडिएशन का स्तर सामान्य ही है।
अंतरराष्ट्रीय एटमी ऊर्जा एजेंसी ने कहा कि यूक्रेन ने उसे रूस के कब्जे की जानकारी दी थी. एजेंसी ने यह भी यह कहा कि वहां “औद्योगिक स्थल पर कोई मौत या तोड़ फोड़ नहीं हुई है.” चेर्नोबिल यूक्रेन की राजधानी कीव से करीब 130 किलोमीटर दूर स्थित है. 1986 में वहां एक परमाणु रिएक्टर के फटने के बाद पूरे यूरोप में एक रेडियोधर्मी बादल छा गया था. बाद में उस रिएक्टर के ऊपर एक खोल चढ़ा दिया था ताकि भविष्य में लीक को रोका जा सके।
रूस के चेर्नोबिल पर कब्जा करने के उद्देश्यों के बारे में कुछ सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि चेर्नोबिल से हो कर बेलारूस से कीव जाने वाला रास्ता रूसी सेना के लिए सबसे छोटा रास्ता है. इसलिए रूस वहां कब्जा कर जल्दी से जल्दी कीव पहुंच जाना चाहता है।