स्कूल फिर बंद होने से बड़ी संचालकों की चिंता
कहा- कई स्कूल बंदी के कगार पर, कई को बेचनी पड़ी हैं बसें
हल्द्वानी। प्राइवेट स्कूलों के फिर से बंद होने से संचालक परेशान हैं। उनका कहना है कि दो साल से निजी स्कूलों की माली हालत खराब है। कई स्कूल संचालकों को बसें बेचनी पड़ी हैं। कुछ विद्यालयों के स्कूल बस लंबे समय से खड़ी हैं।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने नई एसओपी जारी की है। एसओपी के तहत अब आंगनबाड़ी से 12 वीं कक्षा तक के सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। इनमें ऑनलाइन शिक्षण कार्य किया जाएगा। विद्यालय संचालकों का कहना है कि निजी विद्यालयों से मात्र शिक्षण शुल्क लेने के लिए कहा गया है। पहले तो पूरी स्कूल फीस नहीं आ पा रही है। शिक्षण शुल्क के अलावा किसी मद में पैसा नहीं आ रहा है। जिस वजह से बिजली, पानी का बिल, चालकों का मानदेय स्वच्छता समेत तमाम मदों में धनराशि नहीं मिलने से स्कूल चलाना मुश्किल हो गया है। अब दोबारा कोरोना के मामले बढ़ने से स्कूल फिर बंद हो रहे हैं।
कई स्कूलों की बसें लंबे समय से खड़ी हैं और कई स्कूल संचालकों को मजबूरी में बसें बेचनी पड़ी हैं। स्थितियां सामान्य होने की उम्मीद बंधी थी पर दोबारा कोरोना मामले बढ़ने से स्कूलों की हालत खराब हो गई है। कैलाश भगत, अध्यक्ष पब्लिक स्कूल एसोसिएशन।
विद्यालयों की पूरी फीस नहीं आ पा रही है। बिजली, पानी समेत तमाम मदों में शुल्क नहीं आ रहा है। नई एसओपी जारी होने के बाद अब निजी विद्यालयों को और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। शासन प्रशासन को निजी विद्यालयों को राहत देनी चाहिए। – प्रवींद्र रौतेला, प्रधानाचार्य, सिंथिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल