मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश: आगामी 30 वर्षों की जल आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार हो कार्य योजना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में पेयजल और जलागम की समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने राज्य की दीर्घकालिक जल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए वर्षा जल संचयन और भू-जल स्तर को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस उपाय अपनाने पर जोर दिया। साथ ही, जल स्रोतों, नदियों और जल धाराओं के संरक्षण एवं पुनर्जीवन में जन सहभागिता को अनिवार्य बनाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञों और समुदायों से सुझाव लेकर उन्हें नीति निर्माण में सम्मिलित किया जाए, ताकि जल प्रबंधन की योजनाएं अधिक प्रभावी और दूरगामी सिद्ध हो सकें।
सीएम ने मांगी पांच साल से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मियों की सूची
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के दौरान पांच वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मचारियों की सूची तलब की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने पेयजल परियोजनाओं के तहत नई पाइपलाइन बिछाने के दौरान सड़कों की खुदाई को लेकर आने वाली शिकायतों के समाधान हेतु संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
सीएम ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि विभिन्न विभागों की अनुपयोगी परिसंपत्तियों की समीक्षा कर उनका उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है, और यह प्रदेश संभावनाओं से भरपूर है। इसलिए नवाचार और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि राज्य में ऐसी योजनाएं बनें, जो अन्य राज्यों के लिए मिसाल बन सकें।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि उत्तराखंड में SARA के तहत हो रहे कार्यों की सराहना भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने भी की है, जो राज्य की जल प्रबंधन नीति की सफलता को दर्शाता है।