मेडिकल शिक्षा के लिए छोटे देशों में जा रहे बच्चे, यहीं दें मौका: मोदी
यूक्रेन संकट को देखते हुए पीएम ने कहा, मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करे निजी सेक्टर
नई दिल्ली। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए हजारों भारतीयों के फंसे होने को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में निजी क्षेत्र से मेडिकल शिक्षा में निवेश करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों से इस काम के लिए जमीन देने में बेहतर नीतियां बनाने को कहा ताकि देश में ही ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैयार किए जा सकें।
आम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए घोषणाओं पर वेबिनार का उद्घाटन करते हुए पीएम ने कहा कि हमारे बच्चे पढ़ने के लिए खासकर मेडिकल शिक्षा के लिए दुनिया के छोटे-छोटे देशों में जा रहे हैं। वहां पर भाषा की भी दिक्कत है, इसके बावजूद भी जा रहे हैं। साथ ही देश का अरबों खरबों रुपया भी बाहर जा रहा है। क्या हमारे निजी सेक्टर बड़ी मात्रा में इस क्षेत्र में नहीं आ सकते? उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में अपनी जनसंख्या का काफी फायदा उठा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों में भारतीय डॉक्टरों ने अपने कामों से दुनियाभर में देश का नाम रोशन किया है।
1.50 लाख स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्र खोले जा रहे उन्होंने कहा कि देश में 1.5 लाख स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्रों का काम काफी तेजी से चल रहा है। 85000 केंद्रों पर नियमित जांच, टीकाकरण और जांच जैसी सुविधाएं पहुंचाई जा चुकी हैं। पीएम ने कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए देश के स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी और कहा कि इसने देश के स्वास्थ्य सिस्टम की प्रभावशीलता और मिशन केंद्रित प्रवृत्ति को स्थापित किया। कोविन जैसे प्लेटफॉर्म ने दुनिया में डिजिटल स्वास्थ्य समाधान को लेकर भारत की प्रतिष्ठा साबित की। एजेंसी
‘एक भारत, एक स्वास्थ्य’ की भावना से हो रहा काम’
उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में केंद्र सरकार ने देश के स्वास्थ्य ढांचे में कई सुधार और बदलाव किए हैं और अब उसकी कोशिश गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधाएं ब्लॉक स्तर पर पहुंचाने की है। उनकी सरकार का प्रयास आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के हर व्यक्ति तक किफायती इलाज पहुंचाने का है।
● पीएम मोदी ने कहा, सरकार ‘एक भारत, एक स्वास्थ्य की भावना से काम कर रही है ताकि सुदूर के इलाकों में रह रहे लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके।
● पीएम बोले- गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए।