सीएम धामी से मिले प्रांतीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा संघ के महासचिव डॉ. रावत, DACP का जीओ जारी करने की मांग

देहरादून। पूर्व विधायक केदार सिंह रावत के नेतृत्व में प्रांतीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा संघ के प्रांतीय महासचिव डॉ. हरदेव सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर डीएसीपी का शासनादेश जारी करने सहित संघ की कई मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की।
डॉ. रावत ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सकों को डीएसीपी का लाभ देने का प्रस्ताव पूर्ववर्ती सरकार की कैबिनेट में पास हो चुका है, इसलिए जल्द से जल्द इसका शासनादेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग का निदेशक चिकित्सक संवर्ग से ही बनाया जाना चाहिए। डा. रावत ने उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में कार्यरत आयुर्वेदिक चिकित्सा संवर्ग के 26 चिकित्सकों का मामला भी मुख्यमंत्री के सामने उठाया। उन्होंने कहा कि इन चिकित्सकों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला। जबकि, उनको पूर्व में दो बार व्यवस्था समाप्त कर पुनः वापस विश्वविद्यालय में बुलवाया गया। उन्होंने कहा कि यदि इन चिकित्सकों को वापस उनकी मूल तैनाती वाले स्थानों पर भेजा जाता ‘युवा चिकित्सकों की पढ़ाई बाधित होगी। साथ ही बार-बार बुलाने और मिड सेशन में वापस भेजने से संघ में आक्रोश है।
डा. रावत ने स्थानांतरण में गृह जनपद की अनिवार्यता समाप्त करने के लिए कैबनेट प्रस्ताव लाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि पहाड़ी जिलों के चिकित्सक अपने घर के आसपास कार्य करना चाहते हैं, जो इस पहाड़ी राज्य के हित में भी है। उन्होंने चिकित्सा संवर्ग की नियमावली के लिए कैबनेट में प्रस्ताव लाने, अतिदुर्गम-दुर्गम क्षेत्रों के चिकित्सालयों में हिमाचल प्रदेश की भांति आकस्मिक एलोपैथिक दवा लिखने का अधिकारी देने, दिव्यांग, असाध्य रोग से ग्रसित चिकित्सक, जिनके पति या पत्नी का आकस्मिक निधन हुआ हो, दाम्पत्य नीति एवं अन्य समस्या ग्रस्त
चिकित्सकों के स्थान्तरण करने की भी मांग की। मुख्यमंत्री धामी ने प्रांतीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा संघ की सभी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई की भरोसा डा. रावत को दिया।