Cyclone Asani: आसनी चक्रवात का दिखा असर, NDRF ने किए तगड़े इंतजाम, 100 कर्मी तैनात

Cyclone Asani: चक्रवात आसनी के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट तक पहुंचने को लेकर प्रशासन स्थिति से निपटने के लिए जरुरी व्यवस्था कर रहा है। निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है
Cyclone Asani: चक्रवात आसनी (Cyclone Asani) के प्रभाव से रविवार को बारिश और तेज हवाओं के चलते अंडमान और निकोबार (Andaman and Nicobar Islands) द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी है। उन्होंने बताया कि साल के पहले चक्रवाती तूफान के तेजी से द्वीप समूह की तरफ बढ़ने के चलते जहाज सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। एहतियात के तौर पर NDRF के करीब 100 लोगों को तैनात कर दिया गया है।
मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से के ऊपर एक कम दबाव क्षेत्र बन गया है। दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर कम दबाव का क्षेत्र पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है और 20 मार्च को एक दबाव और 21 मार्च के आसपास चक्रवाती तूफान आसनी के तेज होने के आसार हैं।
IMD ने कहा है कि सोमवार को ये दबाव क्षेत्र चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। मौसम विभाग ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ स्थानों पर बेहद ही भारी बारिश आशंका जताई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, चक्रवाती तूफान के बांग्लादेश और म्यांमार के तटों की तरफ बढ़ने के भी आसार हैं। मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट के अनुसार, बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर निम्न दबाव वाले क्षेत्र के 21 मार्च के आसपास एक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है।
चक्रवाती तूफान आसनी के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट तक पहुंचने के अनुमान के साथ, प्रशासन द्वीपसमूह में स्थिति से निपटने के लिए जरुरी व्यवस्था कर रहा है। जिसमें निचले इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। IMD के मुताबिक बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर निम्न दबाव वाले क्षेत्र के 21 मार्च के आसपास एक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। प्रशासन ने अस्थायी शिविरों में भोजन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था में जुटा हुआ है। खराब मौसम को देखते हुए नौ-परिवहन सेवाओं को तुरंत बंद करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। मछुआरों को अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है।