देहरादून-पर्वतीय जिलो मे होने वाले हादसों को रोकने के लिए सरकार अब हर जिले मे आटोमेटिक फिटनेस जांच सेंटर ATS बनाएगी, इससे वाहनो को फिट रखा जाएगा। यह व्यवस्था 1 नवम्बर 2024 मे लागू होगी। पर्वतीय जिलों के लिए सरकार खुद एटीएस तैयार करेगी जबकि मैदानी जिलों में पीपीपी मौड़ मे एटीएस बनाये जाएंगे। परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकि ने बताया कि कुछ समय पहले प्रदेश मे पीपीपी मौड़ पर ही ATS बनाने पर विचार किया जा रहा था, लेकिन पहाड़ी जिले के लिए निजी सेक्टर ने कोई रुचि नही दिखाई। इसलिए सरकार अब खुद ही पर्वतीय जिलों में एटीएस बनाने की तैयारी कर रही है। इस विषय मे केंद्र सरकार से पर्वतीय जिलों के लिए एटीएस के मानक को सरल बनाने का अनुरोध गया है। जैसे ही अनुमति आएगी इस पर कारवाही शुरू कर दी जाएगी।
सेंट्रल रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के मुताबिक भविष्य में महत्वपूर्ण साबित होगी फिटनेस की जांच:
कंप्यूटराइज स्वचलित मशीनों के आगे बेहतर जांच हो पाएगी। आपको बता दें कि ज्यादतर सड़क हादसों का कारण काफी फिट न रहना भी है, क्योंकि पारंपरिक तरीके आरटीओ में होने वाली फिटनेस जांच में मानव हस्तक्षेप ज्यादा होने के कारण जांच ठीक से नही हो पाती। मशीनों को आकार देने से छोटी सी छोटी कमी भी पकड जाती है जिससे कंप्यूटर काफी कमियों के बारे में पता लग सकता है और सड़क हादसों में भी कमी आएगी।