जरूरतमंद बच्चों को मिलेगा आरटीई का पूरा लाभ! 🎓✨

डॉ. धन सिंह रावत ने कहा— “समावेशी शिक्षा के लिए होंगे विशेष प्रयास”
📢 देहरादून। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया। इसका मकसद था— हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना।
कार्यक्रम की मुख्य बातें 🎤
🔹 शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का संदेश
- “शिक्षा ही भविष्य की मजबूत नींव है।”
- जरूरतमंद बच्चों को आरटीई का पूरा लाभ मिले, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- सरकार समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
🔹 डॉ. गीता खन्ना (अध्यक्षा, बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने रखे अहम सुझाव
- 📚 पाठ्यक्रम में शामिल हों— साइबर सुरक्षा, नशामुक्ति, सड़क सुरक्षा जैसे विषय।
- 🚫 कोचिंग संस्थानों और अनाधिकृत प्रवेश परीक्षाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए।
- ⚠️ विद्यालयों के आसपास मादक पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएँ।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर हुई गहन चर्चा �
📌 पहला सत्र: शिक्षा का अधिकार और समावेशी शिक्षा
- शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर।
- सरकारी और निजी स्कूलों में समान शिक्षा मानक सुनिश्चित करना।
📌 दूसरा सत्र: शैक्षणिक प्रदर्शन vs समग्र विकास
- “सिर्फ नंबर नहीं, बच्चों का सर्वांगीण विकास जरूरी।”
- मानसिक, शारीरिक और नैतिक शिक्षा पर भी ध्यान देना होगा।
सम्मान और संकल्प 🏆
- मेधावी छात्रों को किया गया सम्मानित— जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
- डॉ. धन सिंह रावत ने दिया आश्वासन—
- “1 सप्ताह के भीतर सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा।”
- “हर बच्चे को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, यह हमारी प्राथमिकता है।”
निष्कर्ष 🎯
यह कार्यशाला उत्तराखंड सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि—
✅ हर बच्चे को मिले शिक्षा का अधिकार।
✅ शिक्षा व्यवस्था हो पारदर्शी और न्यायसंगत।
✅ बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए।
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✍️ रिपोर्ट: NEWSDIPO