देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल नहीं हैं। कहा कि ‘अगर मुझे मुख्यमंत्री लाइन में रहना था तो मुझे चुनाव लड़ना था। त्रिवेंद्र भाजपा प्रदेश मुख्यालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। वह डोईवाला सीट से निर्वाचित बृजभूषण गैरोला और समर्थकों के साथ कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान समर्थकों ने उनके समर्थन में खूब नारे लगाए।
मीडिया ने जब उनसे पूछा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने पर डोईवाला सीट से निर्वाचित बृजभूषण गैरोला ने सीट खाली करने की घोषणा की है, तो त्रिवेंद्र ने इससे अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यदि गैरोला ने ऐसा कहा है, तो वह उनका धन्यवाद करते हैं। उन्होंने खुद को सीएम पद की दौड़ से अलग बताया। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें सीएम की लाइन में रहना था तो चुनाव लड़ते, लेकिन उन्होंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया और भाजपा दोबारा सरकार बनाए, यह संकल्प लिया था।
राज्य में इतिहास बना
त्रिवेंद्र ने कहा कि जीत का रिकार्ड केवल डोईवाला में नहीं बना है, यह उत्तराखंड में इतिहास बना है। जो भ्रम फैलाया जाता था। कि एक बार एक सरकार, दूसरी बार दूसरी, वह भी इस बार टूट गया है। कांग्रेस का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि एक बड़े दल ने यह सुनियोजित भ्रम फैलाया था। उन्होंने जीत के लिए पार्टी व प्रधानमंत्री की नीतियों, पांच वर्षों के विकास कार्यों और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की सरकार को श्रेय दिया। कहा कि इनका ही परिणाम है कि भाजपा पुनः सरकार बनाने जा रही है।
‘हरीश रावत नहीं बल्कि उत्तराखंड में कांग्रेस हारी’
हरीश रावत हार के प्रश्न पर त्रिवेंद्र ने कहा कि हरीश रावत को जनता का निर्णय स्वीकार करना चाहिए। हरीश रावत नहीं हारे, पूरे उत्तराखंड में कांग्रेस हारी है। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और पंजाब में कांग्रेस हारी है। देश के लोग कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं क्या हरीश रावत को अब भी वह बड़ा नेता मानते हैं, इस प्रश्न के उत्तर में त्रिवेंद्र ने कहा कि हमारे लिए न हों, लोगों के लिए न हों, लेकिन कांग्रेस के हरीश रावत बड़े नेता हैं। हरीश रावत के संन्यास ले लेने के सवाल पर त्रिवेंद्र ने कहा कि मैं ऐसा किसी को सुझाव नहीं देता।
विजयवर्गीय ने श्री दरबार साहिब में टेका माथा
देहरादून। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे श्री दरबार साहिब में माथा टेका। इस दौरान उन्होंने श्री महंत देवेंद्र दास महाराज से शिष्टाचार भेंट की। साथ ही श्री गुरु राम राय मिशन की ओर से शिक्षा, स्वास्थ्य और जैविक खेती के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर बातचीत की व्यूरो