पुरानी पेंशन घोषणा पत्र में नहीं ली तो कर्मचारी दबाएंगे ‘नोटा’
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने कहा है कि यदि पुरानी पेंशन की मांग चुनावी घोषणा पत्र में शामिल नहीं हुई, तो कर्मचारी नोटा दबाएंगे। घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली को स्थान देने वाली पार्टी का ही समर्थन किया जाएगा।
मोर्चा की ऑनलाइन बैठक में प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लगातार लटकाया जा रहा है। सरकार की ओर अनसुना किया गया है। ऐसे में तय किया गया है कि जो पार्टी अपने चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को स्थान देगा, उसी के साथ कर्मचारी परिवार सहित खड़े होंगे। उन्हीं को वोट दिया जाएगा। अन्यथा की स्थिति में नोटा का विकल्प खुला है।
मोर्चा के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोई विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री ऐसा नहीं दी गई है। इसके मुख्यमंत्री ऐसा नहीं रहा है, जिसके बाद भी पुरानी पेंशन को लेकर राजनीतिक दल गंभीर नहीं हैं। ऐसे में अब कर्मचारियों ने भी मन बना लिया है कि उसी पार्टी के पक्ष में मतदान करेंगे, जो पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में प्रमुखता से रखेगी। उन्होंने राजनीतिक दलों को चेतावनी दी कि कर्मचारी एवं उनके परिवार किसी भी राजनीतिक दल को हराने की क्षमता रखते हैं।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ डीस ने कहा कि कर्मचारियों के लिए यह निर्णायक वक्त है, क्योंकि इससे पहले निर्णय लेने का समय सत्ताधारी पार्टी के हाथ में था। अब निर्णय लेने का वक्त कर्मचारियों के हाथ में है। रश्मि गौड़ ने कहा कि कार्मिकों की चुनाव ड्यूटी में कोरोना से रोकथाम एवं कार्मिकों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। 55 | उम्र के कार्मिकों की
बर्ष से अधिक जाए ड्यूटी करने वाले न कार्मिकों का एक करोड़ का बीमा किया जाए। इस अवसर पर राजीव उनियाल, भवान सिंह नेगी, प्रदीप जुयाल, संदीप मैठाणी, प्रवीण कुमार, शंकर भट्ट, महेश गिरी, राजीव कुमार, हिमांशु जगूड़ी, मुरली मनोहर भट्ट मौजूद रहे।