इस फिल्म फेस्टिवल में दुनिया की लगभग 23 बेहतरीन फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व भी देखने को मिलेगा।
पलायन और खाली होते गांवों पर बनी उत्तराखंडी शॉर्ट फिल्म ‘बोल दियां ऊंमा’ को दर्शकों की खूब सराहना मिल रही है। हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ‘बोल दियां ऊंमा’ की चर्चा हो रही है। दर्शकों से मिल रहे भरपूर प्यार के बीच ये फिल्म एक शानदार सफर पर निकल पड़ी है।
‘बोल दियां ऊंमा’ का सेलेक्शन फ्री स्पिरिट फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ है। इस फिल्म फेस्टिवल में दुनिया की लगभग 23 बेहतरीन फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व भी देखने को मिलेगा। इससे पहले ‘बोल दियां ऊंमा’ का चयन टोरंटो फिल्म फेस्टिवल के लिए भी हो चुका है। ये जानकारी मशहूर लोकगायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए दी। उन्होंने कहा कि फ्री स्पिरिट फिल्म फेस्टिवल मैक्लॉडगंज में दुनिया की 23 फिल्मों का चयन हुआ है। जिनमें भारत की दो फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में ‘बोल दियां ऊंमा’ ने भी अपना स्थान बनाया है। सभी प्रशंसकों, देखने वालों और हमारे काम को सराहने वालों का धन्यवाद।
उत्तराखंडी शॉर्ट फिल्म ‘बोल दियां ऊंमा’ उन परिवारों की कहानी है, जिनके अपने रोजगार की तलाश में घर-गांव छोड़कर शहर चले गए हैं। पलायन और गांव की महिलाओं की पीड़ा पर बनी ये शानदार फिल्म आपको भीतर तक झकझोर कर रख देगी। फिल्म वाकई शानदार है। लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की गाइडेंस में तैयार फिल्म का डायरेक्शन कविलास नेगी ने किया है। ओरिजनल स्टोरी का क्रेडिट वल्लभ डोभाल को जाता है। कलाकारों में अंजली नेगी और राजेश नौगांई का काम शानदार है। फिल्म के प्रोड्यूसर अतुलान दास गुप्ता हैं। पहाड़ में ‘बोल दियां ऊंमा’ जैसी फिल्में बनती देख सचमुच बहुत सुकून मिलता है। न्यूज़डिपो की तरफ से फिल्म की पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई।