आस्था की प्रतीक उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का विशेष महत्व है। सर्दियों में बर्फ पड़ने के कारण भले ही चारधामों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, किंतु श्रद्धालुगण ‘शीतकालीन चारधाम यात्रा’ का अद्भुत अनुभव पा सकते हैं। इष्ट देवों की अन्य मंदिरों में स्थापित प्रतिमाओं के दर्शनों का पुण्यलाभ कमा सकते हैं। इसी क्रम में, मां यमुना की मूर्ति उत्तरकाशी जनपद के खरसाली गांव स्थित खुशीमठ में स्थापित की जाती है। यमुनोत्री से लगभग छह किलोमीटर दूर स्थित खरसाली को मां यमुना का मायका कहा जाता है। छह माह तक वह भक्तों को यहीं पर दर्शन देती हैं। आप भी मां यमुना के दर्शन करने तथा यहां के नैसर्गिक सौंदर्य का अवलोकन करने ‘देवभूमि’ अवश्य आएं। आप सभी का यहां पर हार्दिक स्वागत है।