गो फर्स्ट के दिवालिया कार्यवाही में उलझा होने के कारण शनिवार को फ्लाइट कैंसिल करने की एक नई किश्त की घोषणा हुई है. उड़ानें अब 28 जून तक रद्द कर दी गई हैं. गो फर्स्ट की फ्लाइट करीब दो महीने से रुकी हुई हैं, जिसका खामियाजा पैसेंजर्स को भुगतना पड़ रहा है.
गो फर्स्ट को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. पहले एयरलाइन की उड़ान मई के लास्ट वीक में शुरू होने वाली थी, लेकिन अब इसे जुलाई के पहले हफ्ते के लिए टाल दिया गया है. साथ ही एयरलाइन की सभी फ्लाइट्स 28 जून तक के लिए कैंसिल कर दी गई है. वास्तव में गो फर्स्ट के ऑपरेशन को शुरू करने के लिए 425 करोड़ रुपये की जरुरत है. जिसके लिए रेजोल्यूशन प्रोफेशनल इंतजाम करने में जुटे हुए हैं. आपको बता दें कि गो फर्स्ट की उड़ानों को मई के पहले हफ्ते में अचानक से बंद कर दिया गया था. जिसके बाद प्रमोटर्स एनसीएलटी में सॉवरेन इंसॉल्वेंसी में चले गए थे.
28 तक सभी फ्लाइट्स कैंसिल
गो फर्स्ट के दिवालिया कार्यवाही में उलझा होने के कारण शनिवार को फ्लाइट कैंसिल करने की एक नई किश्त की घोषणा हुई है. उड़ानें अब 28 जून तक रद्द कर दी गई हैं. गो फर्स्ट की फ्लाइट करीब दो महीने से रुकी हुई हैं, जिसका खामियाजा पैसेंजर्स को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि कंपनी ने आश्वासन दिया कि वह शीघ्र ही बुकिंग फिर से शुरू कर सकेगी. एयरलाइन ने एक ट्वीट में कहा कि हमें आपको यह बताते हुए दुख हो रहा है कि ऑपरेशनल कारणों से, 28 जून 2023 तक निर्धारित गो फर्स्ट उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. उड़ान रद्द होने से हुई असुविधा के लिए हम माफी मांगते हैं.
जुलाई में फ्लाट्स शुरू करने की प्लानिंग
नकदी की कमी से जूझ रही इस एविएशन कंपनी के विमान 3 मई से खड़े हैं और उड़ानें पहले 25 जून तक रद्द कर दी गई थीं. कंपनी इमिजिएट रिजोल्यूशन और ऑपरेशंस के रिवावल के लिए पुनरुद्धार के लिए संघर्ष कर रही है. शुरुआत में इसने मई के अंत तक उड़ान फिर से शुरू करने की योजना बनाई थी और अब जुलाई से 22 विमानों के साथ 78 डेली उड़ानें संचालित करने की योजना बना रहा है.
मई में दिवाला प्रकिया में चली गई थी कंपनी
गो फर्स्ट ने मई की शुरुआत में सॉवरेन इंसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग्स के लिए आवेदन किया था और बाद में बढ़ते घाटे के कारण अपने फ्लाइट्स ऑपरेशंस को सस्पेंड कर दिया था. कंपनी ने प्रैट और व्हिटनी के इंजनों की डिलीवरी में देरी का हवाला दिया, जिसके कारण इसके बेड़े के एक हिस्से को खड़ा करना पड़ा. मामला एनसीएलटी के सामने लंबित है. इससे पहले बुधवार को कंपनी ने कथित तौर पर लेंडर्स की बैठक में अतिरिक्त धनराशि की मांग की थी.
बैंकिंग सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी – जो वर्तमान में दिवालियापन संरक्षण के तहत है – अतिरिक्त धनराशि में 4 बिलियन से 6 बिलियन रुपये की मांग कर रही है. गो फर्स्ट पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक और डॉयचे बैंक का 65.21 बिलियन रुपये का उधार बकाया है.