प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (एमपीएफ) की वृहद् (अम्ब्रेला) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। इस अनुमोदन से,2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और कामकाज में सुधार के लिए केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की पहल को जारी रखने की मंजूरी मिली है। 26,275 करोड़ रुपये के कुल केंद्रीय वित्तीय परिव्यय के साथ, इस योजना में सभी प्रासंगिक उप-योजनाएं शामिल हैं, जो आधुनिकीकरण और सुधार में योगदान करती हैं।
योजना की मुख्य विशेषताएं हैं:
1) योजना के तहत ; आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, पुलिस द्वारा आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने, मादक पदार्थों पर नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता और देश में एक मजबूत फोरेंसिक व्यवस्था विकसित करके आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के प्रावधान किये गए हैं।
2) राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना के लिए केंद्रीय परिव्यय के रूप में 4,846 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं।
3) संसाधनों के आधुनिकीकरण के माध्यम से विज्ञान-आधारित और समय पर जांच में सहायता के लिए उच्च गुणवत्तायुक्त फोरेंसिक विज्ञान सुविधाओं का विकास करना, जो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा स्वतंत्र रूप से संचालित हों। फोरेंसिक क्षमताओं के आधुनिकीकरण के लिए 2,080.50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय योजना को मंजूरी दी गई है।
4) केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर, उग्रवाद प्रभावित पूर्वोत्तर राज्यों और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए 18,839 करोड़ रुपये का केंद्रीय परिव्यय निर्धारित किया गया है।
5) वामपंथी उग्रवाद(एलडब्ल्यूई) का मुकाबला करने के लिए ‘राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ के कार्यान्वयन से, एलडब्ल्यूई हिंसा की घटनाओं में भारी कमी आई है। इस उपलब्धि को आगे बढ़ाने के लिए, 8,689 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ एलडब्ल्यूई से संबंधित छह योजनाओं को मंजूरी दी गई है। बेहतर स्थिति को और मजबूती देने के लिए इन योजनाओं में अधिकांश एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों और अन्य सम्बंधित जिलों की विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) को शामिल किया गया है।
6) भारतीय रिजर्व बटालियनों/विशेष भारतीय रिजर्व बटालियनों की स्थापना के लिए 350 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय को मंजूरी दी गई है।
7) 50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजना,’मादक पदार्थ नियंत्रण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता’ को जारी रखा गया है।