August 28, 2025

गन्ना किसानों की भी सुध लो सरकार -मोर्चा

0
IMG-20211122-WA0001

वर्तमान पेराई सत्र में महंगाई के हिसाब से गन्ना मूल्य में हो वृद्धि वर्षों से गन्ने की कीमतें हैं स्थिर, लेकिन महंगाई बढ़ी कई गुना | वर्ष 2017-18 में था गन्ने का मूल्य 316/326 प्रति कुंटल ! वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक था मूल्य रु 317/327 | कई-कई महीनों भुगतान न होने का दंश भी झेलता है किसान |

विकासनगर -जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकारें गन्ना किसानों की पीड़ा को समझने में नाकाम साबित हुई है, जिसका नतीजा यह है कि इन तीन-चार सालों में गन्ने के मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई, जबकि महंगाई कई गुना बढ़ी है ! यहां तक कि पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स/ शिक्षा/ खाद्य पदार्थ/ टैक्स आदि सभी मामलो में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है |अगर कीमतों की बात करें तो सरकार ने वर्ष 2017- 2018 में सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 316 तथा अगेती प्रजाति का मूल्य ₹326 प्रति कुंटल निर्धारित किया था तथा इसी प्रकार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक कीमतें में रु 317/327, (यथावत) रखी गई हैं,जोकि किसानों के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी है | दुर्भाग्य देखिए ! कि सरकार ने इन 3-4 सालों में मात्र गन्ना मूल्य में ₹1 प्रति कुंटल की बढ़ोतरी की है|

नेगी ने कहा कि गन्ने से उत्पादित शीरा से भी सरकार काफी मुनाफा कमाती है, लेकिन इसके विपरीत सरकार/ मिल द्वारा कई-कई महीनों (कई मामलों में सालों तक) तक भुगतान न होने का दंश भी किसान को झेलना पड़ता है | मोर्चा सरकार से मांग यों करता है कि वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 हेतु अप्रत्याशित महंगाई को देखते हुए गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की जाए | पत्रकार वार्ता में- दिलबाग सिंह व सुशील भारद्वाज मौजूद थे |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *