चौबट्टाखाल से हरक को नहीं मिला टिकट, लैंसडौन रवाना
मैंने पहले ही साफ कर दिया था कि मैं इस बार चुनाव नहीं लडूंगा। मैं बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुआ हूं। अपने प्रभाव वाली हर सीट पर कांग्रेस का प्रचार करूंगा। चौबट्टाखाल से टिकट देने, न देने का अधिकार कांग्रेस हाईकमान के पास है। मैं टिकट न मिलने से नाराज नहीं हूं क्योंकि मैं दावेदार था ही नहीं।-हरक सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री
चौबट्टाखाल से केशर सिंह को प्रत्याशी बनाने के साथ ही हरक सिंह टिकट दौड़ से हरक बाहर हो गए। हरक समर्थक टिकट पर नजर लगाए हुए थे। टिकट न मिलने से हरक सिंह नाराज तो नहीं हैं, इसे भांपने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव हरक से मिलने पहुंचे। लेकिन हरक के लैंसडौन लिए रवाना हो चुके थे।
सूत्रों के मुताबिक हरक सिंह समर्थकों को उम्मीद थी कि अंतिम समय में चौबट्टाखाल से टिकट बदल जाए। इधर, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव हरक के डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर मिलने पहुंचे। बीच रास्ते में ही उन्हें पता चला कि हरक लैंसडौन रवाना हो गए हैं। प्रभारी ने हरक को लंबी बात की। बकौल हरक चुनावी प्रचार को लेकर प्रभारी के साथ बात हुई। किन सीटों पर उन्हें प्रचार करना है। चौबट्टाखाल को लेकर प्रभारी से बात के सवाल पर वह मुस्करा दिए।
क्या 2024 तक इंतजार कर पाएंगे हरक सिंह
देहरादून चौबट्टाखाल से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में केशर सिंह की घोषणा होते ही पूर्व कैविनेट मंत्री हरक सिंह रावत तीन दशक बाद चुनावी मैदान से बाहर हो गए। अब सवाल उठ रहा है कि क्या चुनावी मैदान में उतरने के लिए हरक सिंह 2024 तक इंतजार कर पाएंगे। हरक सिंह पिछले 20 साल से लगातार किसी न किसी रूप से सत्ता से जुड़े थे। तीन बार कैबिनेट मंत्री, तो एक चार नेता प्रतिपक्ष के रूप में वो राजनीति की मुख्य धुरी में थे।