विवादित भाषण देने वालों पर कानूनी कार्रवाई का दबाव बढ़ा
देहरादून। हरिद्वार में पिछले दिनों हुई तीन दिवसीय धर्म संसद मामले ने तूल पकड़ लिया है। धर्म संसद में विवादित भाषणों के वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर तूफान मचा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर सैन्य अफसरों ने ट्विटर पर इस तरह के भाषणों को सामाजिक समरसता, सद्भावना और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया है।
मामले के तूल पकड़ लेने के बाद उत्तराखंड पुलिस भी हरकत में आई है। पुलिस की ओर से बताया गया कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी व अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153ए आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने भी मामले पर सोशल मीडिया में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट किया, नफरत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
क्यों मचा तूफान ?
कुंभ नगरी हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को धर्म संसद हुई। इसमें हिंदुत्व को लेकर साधु-संतों ने विवादित भाषण दिए। इन विवादित भाषणों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, एक विशेष समुदाय के व्यक्ति को प्रधानमंत्री न बनने देने, विशेष समुदाय की आबादी न बढ़ने देने का जिक्र है। सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का पुलिस ने संज्ञान लिया और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी व अन्य के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया।
ट्वीटर पर प्रतिक्रिया
राहुल गांधी का ट्वीट
हिंदुत्ववादी हमेशा नफरत व हिंसा फैलाते हैं। हिंदू-मुसलमान इसाई इसकी कीमत चुकाते हैं। लेकिन अब और नहीं।
एडमिरल अरुण प्रकाश (रि) का ट्वीट इसे रोका क्यों नहीं जा रहा : है? हमारे सैनिक दो मोर्चों पर दुश्मनों का सामना कर रहे हैं और हम सांप्रदायिक खून-खराबा, देश के भीतर उपद्रव और अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी झेलना चाहते हैं? क्या यह समझना इतना मुश्किल है कि राष्ट्रीय समरसता और एकता खतरे में पड़ेगी तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी आंच आएगी?
जनरल वेद मलिक का रि-ट्वीट
सहमत, इस तरह के भाषणों से सामाजिक सद्भावना बिगड़ेगी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होगा। प्रशासन इस पर कार्रवाई करे।