देहरादून। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले प्रदेशभर से आए शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर आज राजधानी दून में रैली निकाली। समन्वय समिति ने सरकार को मांगें पूरी करने के लिए 20 दिन का समय दिया जाय। कहा कि यदि 20 दिन में उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो 26 अक्टूबर से प्रदेश के समस्त कर्मचारी और शिक्षक अनिश्चितकालीन हडताल पर चले जायेंगे।
मंगलवार को प्रदेशभर से आए शिक्षक और कर्मचारी परेड ग्राउन्ड में एकत्रित हुए और यहां से रैली की शक्ल में तिब्बत बाजारए लैंसडाउन चैकए कनक चैक होते हुए सचिवालय की ओर प्रस्थान कियाए लेकिन पुलिस ने सचिवालय से पहले ही पुलिस मुख्यालय के पास बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग के पास ही सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे।
रैली को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि कर्मचारियों की अधिकांश मांगें वे हैं जो या तो पहले से कर्मचारियों को मिल रही थी और जिनकी बाद में कटौती कर दी गयी है अथवा वे हैं जिन पर शासन व सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान शासन व सरकार द्वारा सहमति व्यक्त की गयी है। किन्तु आज तक पूरी नहीं हुई।
वक्ताओं ने कहा गया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने प्रदेश के कार्मिकों को 10, 16 एवं 26 वर्ष की सेवा पर एसीपी के अन्तर्गत पदोन्नति वेतनमान की अनुमन्यता की थी, जिसे उनके बाद के मखिया ने चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद वापस ले लिया। साथ ही पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था पर भी रोक लगा दी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी इस रोक को नहीं हटाया जा रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि समस्त राज्यकर्मी चिकित्सा प्रतिपूर्ति के हकदार के बावजूद अपने वेतन/पेंशन से कटौती कराकर कैशलैश चिकित्सा की व्यवस्था की मांग कर रहे थे। लेकिन शासन मंे बैठे अधिकारियों ने कार्मिकों के धन से ही उनकी चिकित्सा करने में इतने किन्तु-परन्तु लगा दिऐ कि इस व्यवस्था का कोई अर्थ ही नहीं रह गया। यहां तक कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा समस्त कार्मिक संगठनों के साथ बैठक करने के बाद उनकी सहमति से गोल्डन कार्ड की व्यवस्था में सुधार हेतु जो प्रस्ताव शासन को भेजा गया उस पर भी शासन के अधिकारी कुण्डली मारकर बैठ गये हैं।
वक्तओं ने आरोप लगाया कि निगम कर्मीयों द्वारा भी कटौती की सहमति दिए जाने केे बावजूद उन्हें गोल्डन कार्ड की व्यवस्था का लाभ नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर भी रोष व्यक्त किया कि निगम व निकाय कार्मिकों को राज्य कर्मियों की भांति वेतन एवं भत्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जबकि, तत्कालीन मुख्य सचिव राकेश शर्मा द्वारा इस सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश जारी किये गये थे कि जब-जब राज्य कर्मियों के सम्बन्ध में कोई शासनादेश जारी किया जायेगा तो उसका लाभ तत्काल प्रभाव से निगम निकाय कर्मियों को भी प्राप्त होगा। 11 प्रतिशत मंहगाई भत्ते की हाल ही में की गई वृद्धि से निगम निकाय कर्मी अभी भी वंचित हैं। हालांकि, कटौती के मामले में निगम कर्मियों से राज्य कर्मियों की भांति व्यवहार करते हुए उनके एसीपी के निर्धारण को गलत मानते हुए प्रत्येक कर्मी से 5 से 35 लाख तक की कटौती की जा रही है। चतुर्थ श्रेणी कर्मियों एवं वाहन चालक संघ के प्रतिनिधियों ने भी शासन व सरकार पर पूर्व में दिये गये आश्वासन का पालन न किये जाने का आरोप लगाया गया।
रैली की अध्यक्षता करते हुए प्रताप सिंह पंवार ने कहा कि समन्वय समिति के संयोजक मण्डल ने निर्णय लिया है कि शासन व सरकार को मांगें पूर्ण करने के लिए 20 दिन का समय दिया जाय। उन्होंने कहा कि 25 अक्टूबर तक सरकार व शासन द्वारा सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाते हैं तो 26 अक्टूबर से प्रदेश के समस्त कार्मिक एंव शिक्षक अनिश्चितकालीन हडताल पर चले जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस बीच समस्त विभागीय कार्यालयों में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से 12 बजे तक आंशिक कार्य बहिष्कार किया जायेगा
रैली में अरूण पाण्डेय, सुनील कोठारी, नन्दकिशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भटट, पंचम सिहं बिष्ट, पूर्णानन्द नौटियाल, दिनेश गुसाई, बीएस रावत, दिनेश पंत, नाजिम सिद्धकी, बनवारी सिंह रावत, अनन्तराम शर्मा, निशंक सरोही, विक्रम सिह नेगी, चैधरी ओमबीर सिंह, दीपचन्द्र बुडलाकोटी, गुडडी मटुडा, रेनू लांबा, मुकेश ध्यानी, मुकेश बहुगुणा, अजयराज, बृजमोहन बिजल्वाण, राजेन्द्र सिह रावत, सुशील बडोनी, अरविन्द बिजल्वाण, ललित मोहन रावत, सुभाष देवलियाल, राकेश रावत, विकास दुमका, रामकृष्ण नौटियाल, प्रमोद कुमार सिंह, जयप्रकाश यादव, गोपाल सिंह, प्रकाश गोपाल सिंह, प्रकाश पंवार, बद्री प्रसाद, प्रताप सिहं चैहान, श्याम सिंह, महाबीर सिंह पटवाल, केसी शर्मा, ललित जोशी, सोहन सिंह रावत, संजय नेगी, आईएस एैरी, प्रदीप भटट, दिनेश पंत, बीएन बेलवाल, रमेश जोशी, इत्यादि कर्मचारी नेता मौजूद थे।
समन्वय समिति ने रैली के बाद मुख्यमंत्री के पीआरओ राजेश सेठी को ज्ञापन सौंपा। सेठी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि प्रधानमंत्री के उत्तराखंड भ्रमण के तत्काल बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समन्वय समिति केे प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता वार्ता कराई जाएगी।