यूक्रेन संकट : 12 अन्य सदस्य भी मतदान से अनुपस्थित, सिर्फ चीन ने दिया रूस का साथ … भारत पहले रूस के खिलाफ प्रस्तावों से भी अलग रह चुका है
न्यूयॉर्क। रूस यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने अपना तटस्थ रुख बनाए रखा है। रूस द्वारा लाए प्रस्ताव पर भी भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। यह प्रस्ताव यूक्रेन में मानवीय त्रासदी के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर था, लेकिन इसमें रूसी हमले का उल्लेख नहीं था। मतदान में सुरक्षा परिषद के 15 में से 13 देशों ने हिस्सा नहीं लिया, जिससे प्रस्ताव पारित होने के लिए जरूरी 9 वोट नहीं मिल पाए।
चीन ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट डाला अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देशों ने रूस के प्रस्ताव को हास्यास्पद व पाखंडपूर्ण बताया, जिसमें स्कूलों घरों पर बम बरसाने वाला देश ही नागरिकों को बचाने के लिए वैश्विक समुदाय से अपील कर रहा था। प्रस्ताव में रूस ने यूक्रेन में फंसे लोगों और नागरिकों को सुरक्षित व बिना भेदभाव के निकालने के लिए कहा था। प्रस्ताव में यूक्रेन और नजदीकी देशों में लोगों तक बिना रुकावट मानवीय मदद पहुंचाने की अपील भी थी। रूस ने कहा, अब इन देशों ने यूक्रेन में नागरिकों को निकालने के लिए युद्ध विराम न होने की बात कही, तो इस प्रस्ताव की याद दिलाएंगे। भारत ने तटस्थता नीति के अनुरूप न तो मतदान में हिस्सा लिया और न ही कोई बयान जारी किया। भारत पहले भी सुरक्षा परिषद में दो व महासभा में एक प्रस्ताव के मतदान में भी शामिल नहीं हुआ था। एजेंसी
महासभा में वोटिंग से भी बाहर रहा भारत: यूक्रेन संकट के लिए
रूस को जिम्मेदार ठहराने और तत्काल युद्ध विराम करने संबंधी प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बृहस्पतिवार को भारी बहुमत से पारित हो गया। पक्ष में 140 जबकि विरोध में 5 वोट पड़े। भारत व चीन समेत 38 देश वोटिंग से बाहर रहे।