दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का उद्घाटन आज
जयपुर (एजेंसी)। राजस्थान के राजसमंद जिले में आज दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण होगा। 369 फीट ऊंची इस प्रतिमा का नाम विश्वास स्वरूपम है। प्रतिमा इतनी विशाल है कि इसे पूरा देखने में कम से कम 4 घंटे लगेंगे। 9 दिन तक चलने वाले लोकार्पण समारोह में कई राज्यों के मुख्यमंत्री, कई मंत्री और गणमान्य शामिल होंगे। इस प्रतिमा की खूबी ये है कि इसके अंदर बने हॉल में 10 हजार लोग एक साथ एक समय में आ सकते हैं। विश्वास स्वरूपम प्रतिमा को बनने में 10 साल लगे। 50 हजार से ज्यादा लोगों ने ये प्रतिमा बनाई। यह प्रतिमा राजसमंद के नाथद्वारा के गणेश टेकरी एरिया में बनी है। प्रतिमा को गुड़गांव के नरेश कुमावत ने तैयार किया है। प्रतिमा के अंदर अलग-अलग हाइट पर जाने के लिए 4 लिफ्ट लगी हैं। यहां दर्शन करने आने वाले लोगों को 20 फीट से लेकर 351 फीट की ऊंचाई तक का सफर करवाया जाएगा। इस प्रतिमा को लेकर बताया गया कि भगवान शिव जब श्रीनाथ जी से मिलने नाथद्वारा आए थे तो इसी टेकरी पर बैठे थे। इसलिए इसे गणेश टेकरी कहा गया। श्रीनाथ जी से मिलने की जो खुशी थी वह इस प्रतिमा में दिखाई गई है। बताया गया भगवान शिव ने अपना कमंडल और डमरू पीछे छोड़ दिया था। इसलिए इस प्रतिमा में भगवान शिव का त्रिशूल है। जहां डमरू और कमंडल छोड़ा गया था, वहां अलग से इनका स्टैच्यू बनाया जाएगा।
18 अगस्त 2012 में नाथद्वारा के गणेश टेकरी स्थित पहाड़ी पर शिव प्रतिमा की नींव रखी गई थी। रामकथा वाचक मुरारी बापू, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डॉ. सीपी जोशी, मिराज ग्रुप के सीएमडी मदनलाल पालीवाल ने भूमि पूजन किया था। निर्माण कार्य की शुरुआत में 251 फीट ऊंची शिव प्रतिमा बनाना तय किया गया था, लेकिन बाद में इसकी ऊंचाई 351 फीट करने का निर्णय लिया गया। जब प्रतिमा 351 फीट बनकर तैयार हुई तो इस पर गंगा की जलधारा लगाने का आइडिया आया। इसी के बाद इस पर जब यह जलधारा लगाई तो इसकी ऊंचाई बढ़कर 369 फीट हो गई। 2012 में नींव रखने के बाद प्रतिमा का काम लगातार चलता रहा। कोरोना के दौरान जब-जब लॉकडाउन रहा तब काम बंद किया गया।