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भारत की नजर द.अफ्रीका में पहली सीरीज जीत पर

सेंचुरियन (भाषा)। आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को उसकी धरती पर शिकस्त देने के वाद अव दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला जीतने के लिए प्रतिवद्ध भारतीय टीम के लिए रविवार को यहां ‘वॉक्सिग डे’ से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए सही संयोजन के साथ मैदान पर उतरना एक चुनौती होगी।

कप्तान विराट कोहली के लिए पांचवें नंवर के वल्लेवाज के रूप में कम अनुभवी श्रेयस अय्यर और अनुभवी लेकिन खराव फॉर्म में चल रहे अजिंक्य रहाणे में से किसी एक का चयन करना आसान नहीं होगा। यही नहीं पांचवें गेंदवाज के रूप में शार्दुल ठाकुर या ईशांत शर्मा में से किसी एक को चुनने के लिए भी माथापच्ची करनी होगी। न्यूजीलैंड के • खिलाफ मुंबई टेस्ट में भारतीय टीम प्रबंधन ने रहाणे और ईशांत को चोटिल वताकर वाहर कर दिया था लेकिन यदि वे रविवार को अंतिम एकादश में स्थान नहीं बना पाते हैं तो यही माना जाएगा कि उन्हें बाहर किया गया है। भारत ने दक्षिण अफ्रीका का पहला दौरा 1992 में किया था लेकिन वह अभी तक यहां टेस्ट श्रृंखला नहीं जीत पाया है। ऐसे में कोहली यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहला टेस्ट पहले कप्तान बनने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे। दक्षिण अफ्रीका अब पहले की तरह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मजबूत टीम नहीं रही क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से वह परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। इसे देखते हुए कोहली और उनकी टीम के लिए इसे बेहतरी का माना जा रहा है। भारतीय टीम अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम से बेहतर नजर आती है और अगर वह मैदान पर भी खुद को वेहतर सावित करती है

अच्छी खबर है कि कैगिसो रवाडा का साथ देने के लिए विश्व के सबसे तेज गेंदवाजों में से एक एनरिच नोकिया नहीं होंगे। जहां तक भारतीय वल्लेवाजों का सवाल है तो उन्हें वायें हाथ के स्पिनर केशव महाराज को लेकर अधिक चिंता नहीं होगी। कोहली को जहां एक अपेक्षाकृत कमजोर मानी जा रही टीम के खिलाफ अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना होगा वहीं उन्हें स्वयं भी वड़ी पारी होगी क्योंकि वह 2019 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं लगा पाये हैं। इस वीच उनका औसत 30 से कम रहा जो उनकी ख्याति के अनुकूल नहीं है। कोहली ने दौरा शुरू होने से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (वीसीसीआई) के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पर निशाना साधकर नयी चर्चा शुरू कर दी थी। लेकिन जो लोग कोहली को जानते हैं वे समझते हैं कि इस तरह की घटनाओं से भारतीय कप्तान अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होते हैं। कोहली नेट सत्र के दौरान अच्छी फॉर्म में दिख रहे थे। इसके साथ ही वह चाहेंगे कि उप कप्तान केएल राहुल इंग्लैंड के अपने प्रदर्शन को दोहराएं और चेतेश्वर पुजारा भी वड़ा स्कोर खड़ा करें।

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