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June 21, 2025

Hyderabad News: महिला को इंग्लिश या हिंदी बोलनी नहीं आती थी, इंडिगो क्रू मेंबर ने बदलवाई सीट, जानिए क्या है मामला?

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विजयवाड़ा से हैदराबाद जा रही फ्लाइट की एक पैसेंजर देवस्मिता चक्रवर्ती ने ट्वीट कर बताया कि कैसे एक महिला को उसकी सीट बदलने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि वह सिर्फ तेलुगू जानती थी। यह घटना फ्लाइट संख्या 6E 7297 में 16 सितंबर की है।

हैदराबाद: हैदराबाद जाने वाली इंडिगो फ्लाइट में एक महिला को एक्सएल इमर्जेंसी सीट से हटने के लिए कहा गया। सहयात्री ने पूरा वाकया ट्विटर पर शेयर किया तो बहस छिड़ गई। दरअसल हिंदी या इंग्लिश बोलने में अक्षम महिला को सुरक्षा कारणों का हवाला देकर सीट बदलने के लिए कहा गया। इस मामले में तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की। विजयवाड़ा से हैदराबाद जा रही फ्लाइट की एक पैसेंजर देवस्मिता चक्रवर्ती ने ट्वीट कर बताया कि कैसे एक महिला को उसकी सीट बदलने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि वह सिर्फ तेलुगू जानती थी। यह घटना फ्लाइट संख्या 6E 7297 में 16 सितंबर की है।

देवस्मिता ने महिला की फोटो शेयर कर #Discrimination के साथ ट्वीट कर लिखा, ‘हरे रंग की साड़ी पहनी महिला को उनकी मूल सीट 2A (XL सीट, एग्जिट रो) से जबरन उठाकर 3 सी में बिठा दिया गया क्योंकि वह सिर्फ तेलुगू बोल सकती थीं न कि हिंदी या इंग्लिश। फ्लाइट अटेंडेट ने सफाई देते हुए कहा कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया गया। आंध्र प्रदेश से तेलंगाना तक की फ्लाइट में तेलुगू में दिशा-निर्देश नहीं है।’

देवस्मिता की पोस्ट ने कई ट्विटर यूजर का ध्यान आकर्षित किया और उन्होंने इस घटना को भेदभावपूर्ण करार दिया। तेलंगाना के आईटी मंत्री केटी रामाराव ने इंडिगो मैनेजमेंट से स्थानीय भाषाओं का सम्मान करने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘रीजनल रूट पर इंडिगो को स्थानीय भाषा जैसे तेलुगू, तमिल, कन्नड़ की समझ वाले स्टाफ को भर्ती करना चाहिए। यही समाधान होगा।’

अपने बयान में इंडिगो ने कहा, ‘यह एक समावेशी संगठन है जो क्षेत्रीय विविधता का सम्मान करता है और सभी प्रकार से बिना किसी पूर्वाग्रह के राष्ट्र की सेवा में हाजिर है।’ इंडिगो ने कहा, ‘हमारा क्रू, एक मानक संचालन प्रक्रिया के तहत, हमारे कस्टमर को उन भाषाओं में सूचित करता है जो वह बोल और समझ सकता है। सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत, एग्जिट डोर पर बैठे यात्री को स्वैच्छिक रूप से बाहर निकलने में सक्षम होना चाहिए और किसी भी अप्रत्याशित आपातकालीन स्थिति के प्रबंधन में चालक दल की सहायता करनी होती है।’

उसी फ्लाइट में यात्रा करने वाले डीएलआर प्रसाद ने बताया, ‘वह महिला उदास थी और उसने बाद में मुझसे इस बारे में बात की। उन्होंने पूछा कि क्रू तेलुगू में क्यों नहीं बात कर सकता और उन्हें शिफ्ट होना पड़ा। दरअसल बड़ा मुद्दा यह है कि अधिकतर यात्री जिस भाषा को जानते हैं, अगर चालक दल वह भाषा नहीं बोल पाता है तो वास्तव में यह एक सुरक्षा की दृष्टि से खिलवाड़ है।’

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