14 करोड़ की योजनाएं रद्द! दलालों का खेल खुला? 🕵️♂️

चकराता-पुरोला की 82 योजनाओं को अचानक निरस्त करने से सवाल: क्या सरकार ने दलालों पर कसा शिकंजा?
📍 विकासनगर – जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार के एक बड़े फैसले पर सवाल उठाए हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में विकास के लिए प्रदेश भर में 295 योजनाओं के लिए 38.06 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। लेकिन इनमें से चकराता की 54 और पुरोला की 28 योजनाएं (कुल 82) अचानक रद्द कर दी गईं, जिनके लिए 14 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे!
❓ क्यों सिर्फ चकराता-पुरोला की योजनाएं रद्द?
नेगी का सवाल है – “आखिर ऐसा क्या हुआ कि पूरे प्रदेश में सिर्फ इन दो क्षेत्रों की योजनाएं ही निरस्त की गईं?” उन्होंने आरोप लगाया कि दलालों और अधिकारियों की सांठगांठ से ये योजनाएं पास हुई होंगी, जिसकी भनक लगते ही सरकार ने इन्हें रद्द कर दिया।
💰 दलालों का कमीशन खेल!
नेगी ने कहा – “ये दलाल पूरे सिस्टम को अपने कब्जे में लेकर बैठे हैं! इनकी वजह से असली विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।” उन्होंने मांग की कि सरकार इन दलालों की पहचान करके सख्त कार्रवाई करे।
🔍 जांच की मांग
मोर्चा ने सरकार से इस पूरे मामले की गहन जांच कराने की मांग की है। साथ ही यह भी सवाल उठाया कि क्या उन लोगों को पैसा वापस मिल पाएगा, जिन्होंने दलालों को कमीशन दिया था?
✅ सरकार का कदम सही, लेकिन…
नेगी ने कहा कि योजनाओं को रद्द करना सराहनीय है, लेकिन दलालों द्वारा सरकार को गुमराह करने की कोशिश गंभीर मामला है। अब देखना है कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है।
📢 जनता का सवाल:
“क्या सच में दलालों के चंगुल से सिस्टम को आजाद कराया जाएगा? या फिर यह सिर्फ एक दिखावा है?”
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✍️ आपकी राय? – क्या सरकार को इस मामले में और सख्त होना चाहिए? कमेंट करके बताएं! ⬇️