न्यायालय से ही सब कुछ होना है तो राजभवन जैसी संस्था का औचित्य क्या !मोर्चा

विकासनगर –जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को हर छोटे- बड़े मामलों में न्याय पाने के लिए मा. न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है, क्योंकि राजभवन/सरकार /शासन सब मूकदर्शक बने बैठे हैं |
हालात यह हो गए हैं जिन कार्यों में सुविधा शुल्क नहीं दिया जाता, उन विधि सम्मत/ जनोपयोगी कार्यों में अधिकारी सिर्फ और सिर्फ रोडा अटकाकर काम बिगाडने का काम करते हैं यानी फाइल एक पटल से दूसरे पटल पर घुमाया जाता है तथा वहीं दूसरी ओर माफियाओं एवं रिश्वत देने वालों के लिए कोई कानून नहीं है, उनके असवैधानिक काम भी बिना रुकावट एकदम हो जाते हैं | ऐसे निकम्मे अधिकारियों की वजह से ही आज मा. न्यायालय में वादों का अंबार लगा पड़ा है |यह हालत तब है जब हर व्यक्ति मा. न्यायालय में दस्तक नहीं दे पाता |
प्रश्न यह उठता है कि आखिर राजभवन जैसी इतनी बड़ी संस्था, जिस पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए लुटाया जाता है, का सरकार/ अधिकारियों पर नियंत्रण क्यों नहीं है ! क्यों उनके पेंच नहीं कसे जा रहे हैं ! उनके कार्यों की समीक्षा क्यों नहीं की जा रही ! अधिकारियों की संवेदनशीलता क्यों मर चुकी है !
नेगी ने कहा कि अधिकारियों ने ठान लिया है कि जब नेता/ मंत्री सब भ्रष्ट हो चुके हैं तो हम ही क्यों ईमानदारी से काम करें !
मोर्चा शीघ्र ही राजभवन की आत्मा झकझोरने को यज्ञ/ आंदोलन करेगा |
पत्रकार वार्ता में – विजय राम शर्मा व हाजी असद मौजूद थे |