“मोर्चा की दहाड़ ने सरकार को झकझोरा, बिजली चोरों पर शिकंजा कसने की हुई शुरुआत!”

📍विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा के अथक प्रयासों ने आखिरकार सरकार को झकझोर कर रख दिया है। बिजली चोरी के खिलाफ मोर्चा की लंबी लड़ाई ने सरकार को एक्शन मोड में ला खड़ा किया है। मोर्चा के अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार के ताजा कदम को जनता की जीत बताते हुए कहा, “यह मोर्चा की जिद और जनता के समर्थन का नतीजा है कि अब बिजली चोरों के दिन गिने-चुने हैं!”
🤔 क्यों जरूरी था यह अभियान?
प्रदेश में बिजली चोरी (लाइन लॉस) और ट्रांसमिशन हानियों (एटीएंडसी लॉस) ने एक भयावह स्थिति पैदा कर दी थी। नेगी के मुताबिक, नवंबर 2024 तक लाइन लॉस 16.11% और एटीएंडसी हानियां 26.21% तक पहुंच गई थीं, जिससे प्रदेश को 1500-2000 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान हो रहा था। कई क्षेत्रों में तो यह हानि 30% से 50% तक पहुंच गई थी, जिसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को महंगी बिजली के रूप में भुगतना पड़ रहा था।
🥱सरकार की नींद टूटी, अब चोरों पर शिकंजा!
मोर्चा लगातार सरकार को इस मुद्दे पर घेर रहा था कि “जिस प्रदेश में ऊर्जा मंत्री की जिम्मेदारी स्वयं मुख्यमंत्री के पास है, वहां बिजली चोरी पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा?” अब सरकार ने विशेष टीमें बनाकर बिजली चोरों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने का ऐलान किया है।
😳क्या होगा अगला कदम?
नेगी ने कहा, “अगर सरकार ईमानदारी से इस अभियान को चलाती है, तो मोर्चा उसके कदम की सराहना करेगा। लेकिन हम जनता के साथ मिलकर इस पर नजर बनाए रखेंगे कि यह केवल दिखावा न बन जाए।”
❓जनता का सवाल: क्या इस बार सच में बदलेगी तस्वीर?
प्रदेश की जनता अब सरकार के कर्मों को देखेगी। अगर सच में बिजली चोरी रुकती है, तो बिजली बिलों में कमी आएगी और आम आदमी को राहत मिलेगी। मोर्चा ने जनता से अपील की है कि वह बिजली चोरी न करें और न ही होने दें, क्योंकि इसका खामियाजा पूरे समाज को भुगतना पड़ता है।
अब देखना है, सरकार के शब्दों में कितनी है दम?
(रिपोर्ट: जन संघर्ष मोर्चा प्रवक्ता)
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