विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता कहा कि हाल ही में समाचार पत्रों ने जोर- शोर से राजभवन द्वारा लाखों रुपए गौशालाओं को दान, मंदिरों में चढ़ावा, साड़ियां खरीद- वितरण एवं बक्शीश मामले को उठाया था, जिसमें दोनों हाथों से पैसा लुटाया गया |
उक्त मामले को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने राजभवन से संपूर्ण खर्चे की पत्रावली से संबंधित जानकारी चाही कि कौन से नियम के तहत गौशालाओं को दान, साड़ी खरीद में अपनाई गई प्रक्रिया एवं किन-किन लोगों को वितरण की गई, किन-किन मंदिरों में कितना- कितना दान एवं गौशालाओं को निर्गत धनराशि एवं उनके पंजीकरण के सर्टिफिकेट की जानकारी चाही गई थी, लेकिन राजभवन द्वारा मामले को टालने के उद्देश्य से यह उल्लेख किया गया कि *पत्रावली उच्चादेशार्थ प्रस्तुत है* यानी आका के आदेश पर पत्रावली पर कुंडली मार ली गई, ताकि कारनामा सार्वजनिक न हो सके | *दो-चार दिन पहले राजभवन के उत्तराधिकारी ने मोर्चा के सवाल के जवाब में उल्लेख किया कि इस तरह की कोई पत्रावली अस्तित्व में ही नहीं है*| राजभवन जैसी संस्था में इस प्रकार का कारनामा निश्चित तौर पर जनता को बहुत बड़ा धोखा देने जैसा है |आखिर राजभवन को कौन सी चिंता खाए जा रही है कि पत्रावली सार्वजनिक करने में डर लग रहा है ! इससे बड़ी शर्मसार करने वाली बात क्या हो सकती है कि मंदिरों में 1000-2000 रुपए अपनी जेब से चढ़ाने के बजाय सरकारी खजाने से दिया गया !
मोर्चा राजभवन की काली करतूत जनता के सामने लाकर ही दम लेगा |
पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार ,ओ.पी.राणा व आशीष सिंह मौजूद थे |