विकासनगर – जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सचिव, सहकारिता द्वारा दिनांक 30/10/23 को सहकारी बैंक चतुर्थ श्रेणी सहयोगी/गार्ड भर्ती में भारी अनियमितता पाए जाने के उपरांत पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के निर्देश निबंधक, सहकारिता को दिए थे, लेकिन जालसाजों के इशारे पर संपूर्ण भर्ती निरस्त करने के बजाय 10- 12 लोगों को बाहर कर जनता की आंख में धूल झोंकने का काम किया गया | शासन द्वारा हर स्तर से पूरे मामले की जांच कराकर ही भर्ती निरस्त करने का फरमान जारी किया गया था, लेकिन भर्ती निरस्त करने के बजाय ऐसा घालमेल क्यों किया गया !
नेगी ने कहा कि अगर सरकार बेलवाल समिति की जांच रिपोर्ट सदन के पटल पर रखती तो सरकार की पूरे देश में छिछालेदर होती ! उक्त भर्ती में नौकरी पाने के समय कई अभ्यर्थियों ने अपने बैंक खातों से बहुत बड़ी रकम लगभग 10-15 लाख (प्रत्येक ने) रुपए का लेनदेन किया है एवं ऊंची पहुंच वालों का विशेष ध्यान रखा गया था|
नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी (सहयोगी/ गार्ड) कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी, जिसमें देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घोटाले को अंजाम दिया था ,जिसको लेकर सरकार ने 01अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित की थी |
मोर्चा सरकार से मांग करता है कि शासन की जांच रिपोर्ट के आधार पर संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया निरस्त करे |
पत्रकार वार्ता में – मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह मौजूद थे |