⚡ मौत से खेलते लाइनमैन: सरकार की अनदेखी, शोषण की कहानी! ⚡

🛠️ 24 घंटे की ड्यूटी, पर सिर्फ 14-15 हजार की मजदूरी!
🔥 न भविष्य सुरक्षित, न वर्तमान… सिर्फ जोखिम!
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यूपीसीएल के तहत काम कर रहे लाइनमैनों को स्वयं सहायता समूह (SHG) के नाम पर ठेकेदारों के हवाले कर दिया गया है। ये मजदूर 24 घंटे जान जोखिम में डालकर बिजली की सेवा करते हैं, लेकिन सरकार इन्हें महज 14-15 हजार रुपए में खरीद रही है!
💀 खतरों के साथ जीने की मजबूरी
- 🌙 रात-दिन अलर्ट: कभी भी लाइन फॉल्ट, ट्रांसफार्मर खराब… बिना अतिरिक्त भत्ते के दौड़ना पड़ता है।
- ⚡ विद्युत दुर्घटनाओं का खतरा: कई लाइनमैन करंट लगने से मारे जा चुके हैं, लेकिन कोई मुआवजा नहीं!
- 👨👩👧👦 परिवार की चिंता: न तो पेंशन, न बीमा… बच्चों का भविष्य अंधकारमय!
😡 सरकारी शोषण का खेल!
- 📜 झूठे वादे: SHG के नाम पर प्राइवेट ठेकेदारों को सौंपा गया काम, ताकि सरकार जिम्मेदारी से बच सके।
- 💸 मुनाफाखोरी: इतने कम वेतन में जान पर खेलने वाले मजदूरों का शोषण!
- 🚨 कोई सुरक्षा नहीं: न तो अच्छी सैलरी, न ही दुर्घटना पर भरपूर बीमा।
✊ जन संघर्ष मोर्चा की मांग:
✔️ सरकारी संविदा के तहत लाइनमैनों को नियुक्त किया जाए।
✔️ उचित वेतन और भत्ते दिए जाएं, ताकि इनकी मेहनत का सम्मान हो।
✔️ भारी बीमा कवर दिया जाए, ताकि दुर्घटना में परिवार बेसहारा न रहे।
✔️ भविष्य निधि (PF) और पेंशन की व्यवस्था की जाए।
📢 अब बस हो चुका है!
जन संघर्ष मोर्चा जल्द ही सीएम दरबार और शासन तक इन मजदूरों की आवाज पहुंचाएगा। सरकार को चाहिए कि वह इन बहादुर लाइनमैनों के साथ हो रहे अन्याय को तुरंत रोके!
⚡ जागो सरकार! इन जांबाजों के हक की लड़ाई में साथ दो! ⚡