भंडारागार निगम कर्मियों को सातवाँ वेतनमान नहीं! सरकारी लापरवाही पर मोर्चा का गुस्सा 😡

📢 विकासनगर – जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं उत्तराखंड राज्य भंडारागार निगम के संरक्षक रघुनाथ सिंह नेगी ने आज पत्रकारों के सामने सरकार की “सुशासन की पोल” खोलकर रख दी। उन्होंने बताया कि भंडारागार निगम के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिलाने की फाइल चार साल से सरकारी दफ्तरों में धूल खा रही है।
📜 कागजों का खेल: आपत्तियों पर आपत्तियाँ!
- सरकारी विभागों ने “फाइल पिंग-पोंग” का खेल खेला।
- सहकारिता विभाग से उद्यम विभाग तक फाइल भेजी गई, लेकिन 6-7 बार नए-नए बहाने बनाकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
- “पूजा-अर्चना” के बाद ही आपत्तियाँ हटीं, लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं हुई! 🙄
⚖️ न्यायालय को जाना पड़ा, सरकार बनी मौन!
- कर्मचारियों को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
- न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिए, लेकिन सरकारी मशीनरी अब भी सो रही है।
- “अगर हर मामले में कोर्ट जाना पड़े, तो मंत्री-अधिकारियों की जरूरत ही क्या?” – नेगी का सवाल।
💸 सरकारी दोहरे मापदंड!
- “विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने में कोई आपत्ति नहीं, लेकिन कर्मचारियों के हक की लड़ाई में सवाल उठाए जाते हैं!”
- निगम लाभ में चल रहा है, फिर भी सातवाँ वेतनमान नहीं दिया जा रहा।
- “सरकार आठवें वेतनमान की बात कर रही है, जबकि यहाँ सातवाँ भी नहीं मिला!”
🔥 मोर्चा का ऐलान: राष्ट्रपति शासन ही समाधान!
- “सरकार सुशासन का नाटक कर रही है, जबकि हर जगह भ्रष्टाचार और लापरवाही का बोलबाला है।”
- “प्रदेश में अब सिर्फ राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र विकल्प बचा है!”
📰 पत्रकार वार्ता में मौजूद:
- प्रवीण शर्मा पिन्नी
- अतुल हांडा
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