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आरक्षण में मेरिट का कोई टकराव नहीं: सुप्रीम कोर्ट

ऑल इंडिया कोटा के सीटों में आरक्षण देने से पहले केंद्र सरकार को इस अदालत की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं थी और इस तरह उनका फैसला सही था- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) लोगों के लिए मेडिकल की ऑल इंडिया पीजी सीटों पर 27 और 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए हरी झंडी दे दी। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरक्षण का मेरिट से कोई टकराव नहीं है बल्कि यह उसके वितरणीय प्रभाव को आगे बढ़ाता है।

महत्वपूर्ण फैसला: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि प्रतियोगी परीक्षाएं आर्थिक सामाजिक लाभों को प्रदर्शित नहीं करतीं जो कुछ ही वर्गों को उपलब्ध है, मेरिट को सामाजिक रूप से संदर्भित करना चाहिए।

विस्तृत कारण बताए : सर्वोच्च अदालत ने बीते आठ जनवरी को ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग को क्रमशः 27 और 10 फीसदी आरक्षण के साथ नीट-पीजी और नीट-यूजी के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी थी। इस फैसले के पीछे की वजह क्या थी, इसके बारे में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को विस्तृत आदेश दिया।

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