Coronavirus Omicron Variant News: इस वक्त बाकी दुनिया में ओमीक्रोन वेरिएंट की लहर आई हुई है। पिछले साल होली (29 मार्च) से 13 अप्रैल के बीच भारत में कोरोना के ऐक्टिव केसेज में 152 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई थी।
भारत में कोरोना वायरस की रफ्तार फिलहाल स्थिर है मगर बाकी दुनिया में ओमीक्रोन कहर बरपा रहा है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया से लेकर पश्चिमी यूरोप तक ओमीक्रोन की लहर लौट आई है। गुरुवार को दक्षिण कोरिया से रेकॉर्ड 6.2 लाख नए मामले सामने आए। अमेरिका के बाद यह किसी देश में एक दिन में आए मामलों का सर्वाधिक आंकड़ा है। पिछले सात दिनों में साउथ कोरिया से 24 लाख मामले सामने आए हैं। इसी दौरान, जर्मनी से 15 लाख, वियतनाम से 12 लाख, फ्रांस से 5.2 लाख और यूके से 4.8 लाख मामलों का पता चला है। पिछले साल होली के बाद भारत में केसेज तेजी से बढ़े थे। इस साल अभी तक गिरावट का सिलसिला जारी है। सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई कि तीसरी लहर भारत ने बेहतर तरीके से मैनेज की। हालांकि होली के बाद तस्वीर कैसी होगी, इसे लेकर पिछले साल का अनुभव अच्छा नहीं रहा।
पिछले साल होली के बाद क्या हुआ था?
2020 में जब कोरोना वायरस से पहली बार भारत का सामना हुआ, तब होली पर लोग काफी संयमित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर लोगों ने सावधानी बरती। हालांकि, अगले साल होली पर लोग लापरवाह हो गए। लगा कि दूसरी लहर नहीं आएगी। मगर त्योहार के बाद असर दिखना शुरू हुआ। अप्रैल से शुरू हुई दूसरी लहर बेहद घातक साबित हुई। महीना खत्म होते-होते नए और ऐक्टिव मामलों में भारत दुनिया में सबसे ऊपर पहुंच गया था। 30 अप्रैल को 4 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए।
क्या नई लहर आने वाली है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ओमीक्रोन की वजह से कोविड की नई लहर आने का खतरा बना हुआ है। इसके मामले पूर्वी यूरोप में फैल रहे हैं। यही वजह है कि अर्मेनिया, अजरबैजान, बेलारूस, जॉर्जिया, यूक्रेन और रूस में भी कोविड के मामले दोगुना हुए हैं। वहीं दक्षिण पूर्व एशिया में हांगकांग, साउथ कोरिया में मामले पहले ही बेतहाशा बढ़े हैं। वहीं आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट्स भी पिछले दिनों जून तक चौथी लहर आने की बात कह चुके हैं।
इस्लाइली में शब्दकोष का विश्लेषण
साउथ कोरिया, चीन में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच इस्राइल ने अपने यहां नया वेरिएंट मिलने की बात कही है। इस्राइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘एयरपोर्ट पर पॉजिटिव मिले दो यात्रियों में से एक में कोरोना का नया स्ट्रेन मिला है। यह मूल रूप से ओमीक्रोन वेरिएंट बीए.1 और इसके सब वेरिएंट बीए.2 से बना एक संयुक्त वायरस है। इससे संक्रमित मरीजों में बुखार के हल्के लक्षण, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत देखी गई।’ हालांकि अभी नए वेरिएंट को लेकर ज्यादा रिसर्च की जरूरत है।
नया वेरिएंट कितनी चिंता की बात?
ओमीक्रोन पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। यह तेजी से फैला जरूर मगर मरीज में गंभीरता और मौत का आंकड़ा डेल्टा के मुकाबले कम देखा गया। नए वेरिएंट के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है मगर यह निकला ओमीक्रोन से ही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इस वेरिएंट पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है क्योंकि यह टेस्टिंग में कम मिलता है। इसके अलावा दुनिया भर में घटते केसों को लेकर भी संस्था ने कहा कि टेस्टिंग कम हुई है और इसके चलते भी मामले कम देखने को मिल रहे हैं।
मरीजों में किस तरह की दिक्कत आई?
नए वेरिएंट में सांस से जुड़े तंत्र के ऊपरी हिस्से पर ही असर पड़ता है। इसका मतलब है कि यह फेफड़े तक नहीं पहुंचता और गले तक ही सीमित रहता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्टील्थ वेरिएंट से संक्रमित लोगों में चक्कर, कमजोरी और थकान के लक्षण देखने को मिलते हैं। वायरस से संक्रमित होने के दो से तीन दिन बाद ये लक्षण पाए जाते हैं। इसके अलावा बुखार, खांसी, गले में खिंचाव होना, मांसपेशियों में दर्द, सर्दी लगना और दिल की धड़कनें तेज होना भी इसके लक्षण हैं।
कैसे बनता है नया वेरिएंट?
विशेषज्ञों का कहना है कि दो स्ट्रेन के मिलने से तीसरा वेरिएंट बनना आम बात है। जब एक जैसे सेल के दो वायरस मिलते हैं तो ये तेजी से बढ़ते हैं और उनमें जिनेटिक गुणों का आदान-प्रदान होता है। इस तरह नए वायरस का जन्म होता है। ये कितने खतरनाक या चिंताजनक हैं, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
‘भारत ओमीक्रोन से बाकी देशों की तुलना में बेहतर ढंग से निपटा’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को कहा कि भारत का कोविड-19 महामारी प्रबंधन विशेष रूप से ओमीक्रोन के मामलों की हालिया तीव्र वृद्धि के दौरान बाकी देशों के मुकाबले बेहतर रहा है। इस दौरान मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति, आत्मनिर्भरता, तकनीक का उचित इस्तेमाल देखा गया। उन्होंने एक वेबिनार में कहा कि जन स्वास्थ्य उपायों की भारत की रणनीतियों ने ओमीक्रोन के मामले तेजी से सामने आने के दौरान कई अन्य देशों की तुलना में वायरस के इस नए स्वरूप का बेहतर प्रबंधन करने में मदद की।
मांडविया ने कहा कि ऐसे समय में जब कई देशों में कोविड के दैनिक मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है, भारत के दैनिक मामले घट रहे हैं। इसके साथ-साथ देश में संक्रमण से उबरने की दर और टीकाकरण का आंकड़ा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जांच, संक्रमित का पता लगाने और जीनोम सीक्वेंसिंग, रोकथाम, सामुदायिक निगरानी, होम आइसोलेशन के लिए प्रोटोकॉल और प्रभावी उपचार सहित समय पर किए गए उपायों ने भारत के कोविड-19 प्रबंधन में योगदान दिया है।