आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हापुड़ में किसानों के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) द्वारा आयोजित ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के महत्वपूर्ण सप्ताह मनाने के दौरान भारत सरकार में उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अंतर्गत हापुड़ के भारतीय अनाज संचयन, प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्थान (आईजीएमआरआई) द्वारा हापुड़ जिले के ‘प्रगतिशील’ किसानों के लिए बुधवार 17 नवंबर को एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के आयोजन का प्रमुख उद्द्देश्य देश में पिछले 75 वर्षों में खाद्य सुरक्षा प्रबंधन में विभाग की भूमिका, खाद्यान्न के विभिन्न अपवर्तन और फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से भरपूर) चावल के महत्व को साझा करना था। यह कार्यक्रम हापुड़ के कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित किया गया था और इसमें 30 किसानों ने भाग लिया।
अमर सिंह पीजी कॉलेज लकाहोटी, बुलंदशहर के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र कुमार ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की और देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने हेतु मात्रा एवं गुणवत्ता दोनों में अनाज उत्पादन वृद्धि के लिए किसानों की भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया। इसके अलावा, उपभोक्ताओं विशेष रूप से शिशुओं, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए उचित पोषण के महत्व पर भी जोर दिया गया।
आजादी के बाद से पिछले 75 वर्षों में खाद्य सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में विकास और इसमें विभाग की भूमिका को किसानों के सामने प्रस्तुत किया गया। भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं के साथ-साथ अनाज की गुणवत्ता, बायो-फोर्टिफाइड फसलों के मापदंडों और फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से भरपूर) चावल के महत्व के बारे में किसानों को जागरूक किया गया, जिसके बाद फोर्टिफाइड चावल और विभिन्न भंडारण संरचनाओं की पहचान करने के लिए एक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ, जिसमें अनाज के सुरक्षित भंडारण के तौर-तरीकों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के उपायुक्त (एस एंड आर) श्री विश्वजीत हलदर, भारतीय खाद्य निगम मुख्यालय, नई दिल्ली में उप महाप्रबंधक (गुणवत्ता नियंत्रण) डॉ. गौतम कुमार, गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ, नई दिल्ली की सहायक निदेशक (एस एंड आर) डॉ. प्रीति शुक्ला, कृषि विज्ञान केंद्र, हापुड़ में वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार सिंह, संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ. आरके शाही सहित कृषि वैज्ञानिकों और विषय विशेषज्ञों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।