आधुनिक दुनिया को भारत का उपहार: पतंजलि विश्वविद्यालय ने डिजास्टर मेनेजमेंट में खोजा ‘चरक संहिता का नया अध्याय

🌍 पतंजलि विश्वविद्यालय ने आपदा प्रबंधन में रचा इतिहास!
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में 4 देशों के विशेषज्ञों ने रखे ‘डिजास्टर मेडिसिन’ के नए आयाम
🔥 “भारत का ज्ञान + आधुनिक विज्ञान = वैश्विक समाधान”
स्वामी रामदेव ने ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का किया लोकार्पण, घोषणा की –
“यह केंद्र दुनिया को आपदाओं से लड़ने की नई तकनीक और आयुर्वेदिक समाधान देगा!”
🌐 वैश्विक विज्ञान का स्वदेशी संगम
- स्पेन, इटली, नॉर्वे, नेपाल के टॉप वैज्ञानिकों ने साझा किए अनुभव
- विश्व बैंक ने की पतंजलि की पहल की सराहना, छात्रों को दी गई स्कॉलरशिप व एक्सचेंज प्रोग्राम की सौगात
- पेटेंट सेल की स्थापना से अब भारतीय शोध को मिलेगा वैश्विक पहचान
🚀 क्या खास हुआ?
✔ दुनिया का पहला ‘डिजास्टर मेडिसिन’ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस लॉन्च
✔ आयुर्वेद + मॉडर्न साइंस से आपदा प्रबंधन के नए मॉडल पर चर्चा
✔ यूकॉस्ट ने कहा – “भारतीय संस्कृति में ही छिपे हैं आपदा निवारण के राज!”
✔ वर्ल्ड बैंक ने छात्रों के लिए खोले रिसर्च, फेलोशिप और ग्लोबल एक्सपोजर के द्वार
💡 क्या कहा गया?
- आचार्य बालकृष्ण – “यह केंद्र वैश्विक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा!”
- डॉ. दुर्गेश पंत (यूकॉस्ट) – “प्राचीन ज्ञान और आधुनिक तकनीक का समन्वय ही भविष्य है!”
- वर्ल्ड बैंक प्रतिनिधि – “दक्षिण एशिया में यह पहला और अनूठा प्रयास!”
📢 क्यों है यह खबर खास?
🔹 भारत बनेगा ‘डिजास्टर मेडिसिन’ का वैश्विक हब
🔹 पतंजलि अब केवल योग-आयुर्वेद नहीं, बल्कि वैश्विक शोध का केंद्र
🔹 छात्रों को मिलेंगे इंटरनेशनल ऑपर्च्युनिटीज
📌 ज्वाइन करें मूवमेंट!
“क्या आपको लगता है कि भारत का प्राचीन ज्ञान आधुनिक दुनिया की चुनौतियों का समाधान हो सकता है?”
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